No Slide Found In Slider.
IMG-20231202-WA0031
IMG_20220718_112253
देशधर्म

जानिए कब से शुरू होंगे होलीकाष्ठ , क्या और कब है मुहूर्त ..

ग्वालियर। होली के रंगों का त्योहार निकट आते ही भारतीय संस्कृति में होलाष्टक की परंपरा शुरू हो जाती है। माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से प्रारंभ होने वाले इस आठ दिन के उत्सव में लोग अपने घरों में होलिका और प्रहलाद के प्रतीक के रूप में दो स्तंभों को स्थापित करते हैं।

No Slide Found In Slider.

होलाष्टक की अवधि और तिथियाँ

इस वर्ष पंचांग के अनुसार, होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है और 24 मार्च को समाप्त होगा। इसके बाद 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। इस समय शुभ काम नहीं किये जाते हैं और लोग अपने घरों और होलिका दहन स्थान को गोबर और गंगाजल से लिपाई करते हैं।

होलिका दहन की परंपरा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, होलिका ने अपने भतीजे प्रहलाद को अग्नि में भस्म करने का प्रयास किया था, परंतु अग्निदेव की कृपा से प्रहलाद बच गए और होलिका स्वयं जल गई। इस घटना की स्मृति में होलिका दहन किया जाता है।

PicsArt_10-26-02.06.05

प्रहलाद की भक्ति की कहानी

यह परंपरा प्रहलाद की अद्भुत भक्ति और उनके विश्वास की कहानी को याद करती है, जिन्होंने अपने पिता हिरण्यकश्यप के क्रूर इरादों के बावजूद नारायण की भक्ति में अडिग रहे। होलिका दहन से पूर्व के इन आठ दिनों में होलिका जलने की तैयारी की जाती है, और यह माना जाता है कि इन दिनों में ग्रहों का उग्र स्वभाव होता है।

होलाष्टक में वर्जित कार्य

होलाष्टक के दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने से बचना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस समय विवाह, वाहन खरीद, नए निर्माण और नए कार्यों को आरंभ करने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट और अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है और विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा, अकाल मृत्यु का खतरा या बीमारी होने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए धुलेड़ी से आठ दिन पहले से होलाष्टक की शुरुआत होती है और इन दिनों में शुभ कार्य करने के लिए मन किया जाता है।

होलाष्टक का समापन और होली का उत्सव

होलाष्टक के दिनों का समापन होलिका दहन के साथ होता है, जिसके बाद पूरे देश में होली के रंगों की धूम मचती है। यह त्योहार न केवल भक्ति और आस्था का प्रतीक है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का भी संदेश देता है।

FB_IMG_1657898474749

Related Articles

Back to top button