कचरे के अम्बार,नलों में सीवर का पानी, कैसे लड़ेंगे डेंगू से
मामला नगर निगम ग्वालियर का है

ग्वालियर : इस डेंगू अपने पैर पूरी तरह से पसार चुका है, सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों में बेड फुल हैं, डेंगू का असर इस समय सबसे अधिक बच्चों पर दिखाई दे रहा है, स्थिति यह है कि संसाधन कम पड़ रहे हैं और एक ही बेड पर दो से तीन बच्चों को लिटाना पड़ रहा है । न केवल डॉक्टरों की सलाह है बल्कि सरकार की तरफ से डेंगू से लड़ाई के लिए मुहिम है कि घरों और अपने आसपास पानी इकट्ठा न होने दें क्योंकि डेंगू वाले मच्छर स्वच्छ पानी में पाए जाते हैं, घरों में कूलर में भरे पानी,गमलों में आदि । सरकार डेंगू से कितना लड़ रही है और कितने प्रयास जारी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के मुख्य बाजारों से लेकर गली-मोहल्लों ,सड़क कनारे और चौराहों पर कचरे के ढेर लगे हैं, नगर निगम के आला अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, बीते दिनों नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन पर मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सफाई को लेकर ही गाज गिरी थी, नवागत कमिश्नर का ध्यान न तो अस्पताल की ओर है और न ही सफाई को लेकर चिंता है । इतना ही नहीं घरों में आने वाले पेयजल नलों में सीवर का पानी आ रहा है, एकदम पीले रंग के प्रदूषित जल को नगर वासी पीने को मजबूर हैं, गंदे पानी के कारण कई बीमारियों की चपेट में आ रहा है, ऐसे में सवाल है कि जब कचरे के ढेर में मच्छरों की संख्या बढ़ेगी और नलों से दूषित जल पीने के लिए नगरवासी पानी पीने को मजबूर होंगे तब डेंगू से लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी ।out

Subscribe to my channel



