सरकार क्यों करा रही है ओबीसी वोटर की गिनती

मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सियासत जारी है. इस बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए ओबीसी मतदाताओं की गिनती कराने का फैसला किया है । बता दें कि ओबीसी मतदाताओं की गिनती का काम शुरू भी हो चुका है और पंचायत सचिव, पटवारी और रोजगार सहायक इस काम में लगे हुए हैं. 10 दिन में यह काम पूरा होना है. सरकार ने 7 जनवरी को रिपोर्ट मांगी है ।
वार्डवार और पंचायतवार मतदाताओं की गिनती की जा रही है। कुल मतदाताओं के साथ ही पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के प्रतिशत की भी अलग से जानकारी मांगी गई है । यह जानकारी पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा मांगी गई है. बीती 23 दिसंबर को इस संबंध में विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को पत्र भेजा गया था । बताया जा रहा है कि ओबीसी आयोग, पिछड़ी जातियों का अध्ययन करना चाहता है । इसके बाद 22 हजार पंचायत सचिवों, 12 हजार पटवारियों और 20 हजार रोजगार सहायकों को मतदाताओं की गिनती के काम में लगाया गया है ।
ये है सरकार की योजना
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि ट्रिपल टेस्ट का पालन किए बिना आरक्षण के फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता । ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए ये पूरी कवायद कर रही है ताकि सुप्रीम कोर्ट में भी जरूरत पड़ने पर पूरा डाटा रखा जा सके । इससे पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी ।

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