ग्वालियर महापौर के लिए परिवारवाद में उलझी भाजपा

नगरीय निकाय चुनावों का एलान हो चुका है, प्रत्याशियों के चयन के लिए पार्टीयाँ अपने स्तर और मंथन कर रही हैं । ग्वालियर नगर निगम में महापौर पद महिला के लिए आरक्षित है ।भाजपा की ओर से दावेदारों की लंबी फेरिहस्त है लेकिन मूल भाजपा और सिंधियाई भाजपा अपने अपने समर्थक को टिकिट दिलाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं और इसी के चलते बीते रोज जिलाध्यक्ष कमल माखीजनी को दिल्ली तलब किया गया है । सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्ष ने सिंधिया से मुलाकात की और महापौर टिकिट को लेकर बातचीत की होगी । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान यह कहकर कि परिवारवाद को खत्म किया जाएगा और नेता पुत्रों को टिकिट नहीं दिया जाएगा , से नेताओं के चेहरे पर मायूसी भले ही ला दी थी लेकिन बात जबकि ग्वालियर नगर निगम में महापौर टिकिट की हो रही है तो भाजपा अपने ही बनाए नियमों की धज्जियाँ उड़ाते दिख रहे हैं । सूत्रों के मुताबिक माया सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है और ज्योतिरादित्य सिंधिया इसकी पैरवी कर रहे हैं । आपको बता दें कि माया सिंह पूर्व में नगर निगम ग्वालियर की उप महापौर रह चुकी हैं और दो बार राज्यसभा सांसद के अलावा मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं । अब जबकि माया सिंह 70 वर्ष की उम्र पर हैं तब पार्टी युवा नेत्रियों को नजरअंदाज कर उम्रदराज नेता को तवज्जों देने जा रही है और इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेसर पॉलिटिक्स माना जा रहा है । दूसरी तरफ परिवारवाद की बात करने वाली भाजपा सिंधिया परिवार को भरपूर तवज्जों दे रहे हैं, सिंधिया परिवार का एक सदस्य मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है तो वहीं दूसरे सदस्य मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं वहीं राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में भी सिंधिया परिवार का सदस्य हैं ।

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