पोहरी नप अध्यक्ष के लिए निर्दलीय हो सकते हैं निर्णायक

पोहरी : अन्य नगर परिषद की तरह पोहरी नगर परिषद चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को अध्यक्ष पद के लिए गठजोड़ की राजनीति का सामना करना पड़ सकता है। पोहरी नगर परिषद में भाजपा को बहुमत से कम पार्षद ही नसीब हो पाएंगे। क्योंकि यहाँ भाजपा से बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार ने भाजपा की जीत का गणित खराब किया है । 13 जुलाई को हुए नगर परिषद पोहरी के मतदान के बाद फिर से साबित हो गया है कि अध्यक्ष पद भाजपा के लिए आसान नहीं है। पोहरी नगर परिषद अध्यक्ष की कुर्सी किसके हाथ लगती है, यह देखना रोचक होगा।
नगर परिषद पोहरी के चुनाव भले ही संपन्न हो गए हों, लेकिन राजनीतिक सुगबुगाहट अभी भी बरकरार है। नप चुनाव को लेकर मतदान के बाद स्थिति साफ हो गई कि इस बार नगर परिषद में निर्दलीय का वर्चस्व कायम रहेगा। हालांकि, नप अध्यक्ष की कुर्सी के लिए गठजोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। जिसमें भाजपा के पास यदि बहुमत नहीं भी होता है तो निर्दलीय उम्मीदवार पर डोरे डाल कर भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो सकती है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के एक परिवार विशेष के दो सदस्यों के साथ करीब 5 अन्य पार्षद उनके समर्थकों के जीतने की खबर कयासों में है तब ऐसे में अध्यक्ष पद कांग्रेस के खाते में भी जा सकता है । एक महिला उम्मीदवार जो कि भाजपा से बगावत कर चुनावी मैदान में थी उनकी जीत होती है तो वे भी अध्यक्ष पद के लिए प्रयास करेंगी हालांकि उनका समर्थन भाजपा को मिल सकता है । अब देखना यही है कि किस बहुमत दर्ज करवाने वाले पार्षद को अध्यक्ष का ताज मिलेगा।


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