8 सालों से क्यों टल रहा अटल प्रगति पथ? मध्य प्रदेश का एक्सप्रेसवे अब भी एक सपना
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से बनना था अटल पथ (चंबल एक्सप्रेस वे), मध्य प्रदेश टू राजस्थान-मुंबई तूफानी रफ्तार से पहुंचते.

ग्वालियर : अटल जी के जन्मदिन पर बीजेपी पूरे देश में आयोजन कर रही है. हर विधानसभा में कार्यक्रम किए जा रहे हैं और पूरा ग्वालियर अटलमय हो गया है लेकिन अटल जी के नाम पर घोषित प्रदेश की एक बड़ी परियोजना 8 सालों से टलती आ रही है. ‘अटल प्रगति पथ’ का 8 साल बाद भी अता पता नहीं है. चंबल एक्सप्रेसवे से अटल प्रगति पथ प्रोग्रेस-वे नाम तो मिल गया पर सरकारें बदलने के बाद भी इस एक्सप्रेस वे की प्रोग्रेस नहीं हो सकी जबकि इसकी डेडलाइन 2020 थी.
2017 में शिवराज सिंह ने की थी घोषणा
साल 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की थी. भिंड के मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा था कि इस एक्सप्रेस वे के बनने से मध्यप्रदेश से राजस्थान और आगे मुंबई तक लोग फर्राटे से पहुंच सकेंगे. ये योजना थी चंबल एक्सप्रेस वे, जिसाका बाद में नाम बदल गया.
अटल जी के सम्मान में नाम हुआ ‘अटल प्रगति पथ’
2017 में हुई घोषणा के तीन साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में इस परियोजना को नया नाम मिला ‘अटल प्रगति पथ’ (अटल प्रोग्रेसवे), लेकिन अब 8 साल गुजरने के बाद भी अटल प्रगति पथ कागजों से हकीकत में नहीं बदल पाया है. कई बार अटल प्रोग्रेसवे की डीपीआर बनी, सर्वे हुए, लेकिन ये प्रोग्रेस वे आज भी उलझनों से बाहर नहीं आ सका है.
फिर तीन साल से ठंडे बस्ते में प्रोजेक्ट
2023 में तीसरा सर्वे अटकने के बाद तो जैसे अटल जी के नाम पर बनाया जा रहा प्रोग्रेस वे ठंडे बस्ते में चला गया. इस पर कोई चर्चा नहीं हुई. कुछ समय बाद चुनाव हुए और मुख्यमंत्री मोहन यादव बने, जिन्होंने अपनी सरकार के पहले बजट में यानी 2024 में दोबारा अटल प्रोग्रेसवे के लिए बजट रखा. लेकिन प्रोग्रेस वे भी जस के तस कागजों तक ही सिमटा है.

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