प्राइवेट अस्पताल चलाने वाले JAH में पदस्थ डॉक्टरों की खंगाली जाएगी कुंडली – डॉ. धाकड़

ग्वालियर शहर में ऐसे न जाने कितने डॉक्टर हैं जो अपनी शासकीय सेवा के साथ निजी अस्पताल का संचालन कर रहे हैं । कई अस्पताल तो ऐसे हैं जहां बड़े-बड़े राजनेताओं की हिस्सेदारी है और इसी के चलते उन्हें संरक्षण प्राप्त है । शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य में अपनी शासकीय सेवा में पदस्थ कई डॉक्टर ऐसे भी हैं जो अपने सैकड़ों बिस्तर के निजी अस्पताल चला रहे हैं और इन्हीं अस्पतालों की आड़ में सेवा के नाम पर मेवा लूटने का काम भी कर रहे हैं । हाल ही में गर्भपात के मामले में मुरार स्थित एक निजी हॉस्पिटल का मामला चर्चा में हैं ।
मुरार स्थित एसएन हॉस्पिटल संचालक डॉ.धर्मवीर दिनकर के जयारोग्य अस्पताल में संविदा चिकित्सक होने के खुलासे के बाद अब अस्पताल प्रबंधन हरकत में आ गया है। जेएएच अधीक्षक डॉ.आरकेएस धाकड़ ने कहा है कि अस्पताल में पदस्थ उन चिकित्सकों की कुंडली खंगाली जाएगी जो शासकीय नौकरी में रहते हुए निजी अस्पताल संचालित कर रहें है। लिहाजा नेशनल हैलथ मिशन (एनएचएम ) के तहत जयारोग्य अस्पताल में पदस्थ ऐसे सभी चिकित्सकों की कल सोमवार से जानकारी जुटाई जाएगी । वहीं इस मामले में
मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ ) डॉ.मनीष शर्मा ने कहा है कि ‘एसएन हॉस्पिटल अवैध गर्भपात से जुड़े मामले की बारीकी से पड़ताल जारी है। जल्द ही इस
अवैध काम में शामिल सभी लोगों का खुलासा किया जाएगा।
जयारोग्य अधीक्षक डॉ धाकड़ कहना है कि डॉ.दिनकर के एनएचएम द्वारा जेएएच में पदस्थ होने की जानकारी मिली है, लेकिन यह बहुत गंभीर मामला है। इसलिए शासकीय सेवा में रहते हुए निजी अस्पताल का संचालन करने वाले डॉक्टरों की जांच पड़ताल की जाएगी इनसे शपथ पत्र भी भरवाया जाएगा।
डॉ.धर्मवीर दिनकर नेशनल हैल्थ मिशन(एनएचएम) की ओर से जयारोग्य अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में मेडिकल ऑफिसर के रूप में संविदा पर पदस्थ है। दरअसल यह पदस्थापना सीधे एनएचएम भोपाल के जरिए पीडियाट्रिक व गायनिक विभाग में होती है। इस पदस्थापना का कार्यकाल 2 महीने होता है, लेकिन यह अपना कार्यकाल बढ़वा लेते है। डॉ.दिनकर ने भी ऐसा ही किया। खबर है कि डॉ.दिनकर ने अपने निजी अस्पताल एनएन हॉस्पिटल को संचालित करने के लिए जयारोग्य अस्पताल का भी काफी इस्तेमाल किया है।
कई डॉक्टरों के प्रायवेट अस्पताल!
शासन के नियमानुसार शासकीय सेवा में कार्यरत चिकित्सक किसी भी निजी अस्पताल का संचालन नहीं कर सकता है। यही वजह है कि खुदकों फंसता देख डॉ.दिनकर ने खुद के निजी चिकित्सक होने की बात न सिर्फ छुपा है’बल्कि मीडिया द्वारा पूछे जाने पर जेएएच में चिकित्सक होने से इंकार भी किया। इस मामले के खुलासे के बाद अब सवाल खड़ा हो रहा है’.कि आखिर जयारोग्य अस्पताल में कितने ऐसे डॉक्टर हैं जो अपना निजी अस्पताल भी संचालित कर रहें है ? हालांकि इस मामले की जांच कल सोमवार से होगी, लेकिन सूत्रों की माने तो सिर्फ संविदा चिकित्सक ही नहीं बल्कि जयारोग्य अस्पताल में पदस्थ के कई चिकित्सक ऐसे है जो पर्दे के पीछे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से निजी अस्पताल का संचालन कर रहें है।

Subscribe to my channel



