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नववर्ष को ‘‘अटल पथ’’ पर होगा ‘‘कर्मश्री’’ का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

◆ 2 अप्रेल की रात्रि 8 बजे से होगा महाआयोजन ◆ परपंरागत आयोजन का लगातार 22 वां वर्ष

 

भोपाल। हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा और चैटी चांद के सुअवसर पर राजधानी भोपाल के ‘‘अटल पथ’’ पर प्लैटिनम प्लाजा माता मंदिर टीटी नगर में 2 अप्रेल शनिवार को ‘‘कर्मश्री’’ के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का महाआयोजन होने जा रहा है। भारतीय नववर्ष पर ‘‘कर्मश्री’’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा परंपरागत रूप से आयोजित किए जाने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का यह लगातार 22 वां वर्ष है। पिछले दो वर्षों से कोविड के चलते यह आयोजन वर्चुअल हुआ था। प्लैटिनम प्लाजा माता मंदिर टीटी नगर स्थित ‘‘अटल पथ’’ पर होने जा रहे इस महा आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा प्रतिवर्षगुडी पड़वा, चैत्र नवरात्र और चैटी चांद जैसी पावन तिथियों के अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन लगातार 21 वर्षों से किया जा रहा है, इस बार आयोजन का 22 वां वर्ष है। उन्होने कहा कि हम प्रतिवर्षानुसार इस बार भी चैत्र प्रतिपदा, विक्रम संवत् 2079 नव संवत्सर के स्वागत में भोपाल के ‘‘अटल पथ’’ पर काव्यरस में सरोबार होकर पूरे शहर और समाज के साथ मिलकर नववर्ष का स्वागत करेंगे । श्री शर्मा ने आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से आए प्रख्यात कवि शिरकत करेंगे जिनमें सर्वश्री सत्यनारायण सत्तन, इंदौर (सर्वरस), तेज नारायण शर्मा मुरैना (हास्य व्यंग्य), मदनमोहन समर सुल्तानपुर (वीर रस), श्रीमती कविता तिवारी लखनउ (राष्ट्रजागरण वीर रस), जाॅनी बैरागी धार (हास्य रस), शशीकांत यादव देवास (वीर रस), कमलेश शर्मा इटावा (ओज गीत), श्रीमती पूनम वर्मा मथुरा (श्रंगार), श्रीमती भुवन मोहनी (श्रंगार), राजीव राज इटावा (गीतकार) आदि कविगण शामिल हैं। कवि सम्मेलन का मंच संचालन वीर रस के विख्यात कवि एवं मंच संचालक सत्यनारायण सत्तन द्वारा किया जाएगा। कवि सम्मेलन में 25 हजार से अधिक श्रोता मौजूद रहेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि भारत की अपनी गौरवशाली संस्कृति है। नव सम्वतर से वर्ष की शुरूआत होने के प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक तथ्य मिलते हैं। उन्होनंे कहा कि आधुनिकता के अंधानुकरण की वजह से लोग पिछले लंबे समय से अपनी संस्कृति का गौरव भूलते जा रहे थे और पाश्चात्य सभ्यता का अनुशरण करने लगे थे,

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लेकिन पिछले कुछ समय से देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना के प्रति जनजागरण हुआ है। अब लोग अपनी जड़ों की ओर लौटने लगे है। नव सम्वत्सर के अवसर आयोजित होने वाला हमारा यह कवि सम्मेलन भोपालवासियों को अपनी संस्कृति के प्रति गौरवान्वित महसूस करने का अवसर प्रदान करता है। सभी नागरिक बंधुओं को सपरिवार कवि सम्मेलन में आना चाहिए और खास तौर से अपने बच्चों को जरूर लाना चाहिए जिससे की उनका अपनी संस्कृति-सभ्यता से जुड़ाव हो और कला-साहित्य के प्रति रूझान उत्पन्न हो सके।

महिलाओं-बुजुर्गों के लिए विषेष बैठक व्यवस्था

कर्मश्री अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने बताया कि कवि सम्मेलन में महिलाओं और बुजुर्गों के बैठने के लिए पृथक से विशेष व्यवस्था की जा रही है। वयोवृद्ध एवं निःशक्तजनों के लिए भी कुर्सियों पर बैठक व्यवस्था की जाएगी। उन्होने बताया कि पुरूषों एवं महिलाओं के बैठने के लिए पृथक-पृथक बैठक व्यवस्था की जा रही है। महिलाओं एवं बुजुर्गों की बैठक व्यवस्था को पूरी तरह से सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने के लिए योजना बनाई गई है। उन्होने बताया कि बैठक व्यवस्था पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर है अतः सामने स्थान ग्रहण करने के लिए समय से काफी पहले पहुंचना चाहिए। श्री शर्मा ने भोपाल वासियों से अधिकाधिक संख्या में नववर्ष के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में उपस्थित होकर काव्य रस का आनंद उठाने की अपील की है।

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महत्वपूर्ण तिथि है ‘‘चैत्र प्रतिपदा’’: रामेष्वर शर्मा

सृष्टि के निर्माण का दिन भी है
नवसम्वत्सर एवं चैत्र प्रतिपदा का भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ‘‘कर्मश्री’’ अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने इस पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि यह तिथि अपने-आप में विशेष महत्व रखती है। उन्होने बताया कि पुराणों में उल्लेख है कि चैत्र प्रतिपदा को ही सृष्टि का निर्माण हुआ था अतः यह सृष्टि के आरंभ का दिवस है। इस दिन शक्ति की अराधना के पर्व ‘‘नवरात्रों’’ का आरंभ होता है, इसीलिए यह दिन अपने आप में पावन दिवस है। इस दिन से हमारा पंचाग आरंभ होता है। कई महापुरूषो की जयंती, रामनवमी, महावीर जयंती, बौद्ध पूर्णीमा, गुरूनानक जयंती, झूलेलाल जयंती जैसे पावन त्यौहार भी इसी संवत्सर की तिथियों के आधार पर पडते है। जबकि सनातन,जैन,बौद्ध सिख परंपरा में भगवान एवं महापुरूषों की जयंती व उत्सव इसी पंचाग से मनाए जाते हैं। उन्होने बताया कि हमारे धर्म और संस्कृति में तिथियों का विषेष महत्व रेखांकित किया गया है और चैत्र प्रतिपदा को विशेष महत्व की पावन तिथि के रूप में उल्लेखित किया गया है।

घर-घर में हो नववर्ष का स्वागत: रामेष्वर शर्मा

‘‘कर्मश्री’’ अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने समस्त भोपाल वासियों से हिंदू नववर्ष को महोत्सव के रूप में मनाने का आग्रह करते कहा कि यह हमारा अपना नववर्ष है जिसका स्वागत घर-घर में होना चाहिए। उन्होने कहा कि नववर्ष का स्वागत उत्साहपूर्वक करना चाहिए और नववर्ष के स्वागत के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले नववर्ष का स्वागत प्रत्येक भारतीय सर्वप्रथम अपने ही परिवार में मंगल कामनाओं व बधाई के साथ करें । इसके उपरंात विकास एवं तकनीक के आयामों को भी सहभागी बनाते हुऐ ग्रीटींग कार्ड ,एस.एम.एस, ईमेल, मोबाइल, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया पर भी नववर्ष की बधाई दें। सभी को यथा-सामथ्र्य नव संवत्सर के स्वागत का तरीका अपनाना चाहिए। बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स आदि भी लगाए जा सकते हैं। नव सम्वत्सर के स्वागत में धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन भी किए जा सकते हैं। सांयकाल अपने घरों में दीपक जलाकर और रोशनी कर भी नववर्ष का उत्सव मनाना चाहिए। यथासंभव आतिशबाजी भी करनी चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि नव सम्वत्सर का का स्वागत प्रकृति का स्वागत है, यह नवरात्र आरंभ पर देवी माता का स्वागत है। अतः हमें इस पावन पर्व को उत्साहपूर्वक मना कर प्रकृति और देवी माता की कृपा प्राप्त करनी चाहिए। नववर्ष के स्वागत में घर घर में आयोजनों की धूम होनी चाहिए।

नववर्ष की पूर्व संध्या पर 100 पुरोहित करेंगे शंखनाद

शानदार आतिषबाजी का प्रदर्षन होगा

नववर्ष की पूर्व संध्या पर शुक्रवार 1 अप्रेल को ‘‘कर्मश्री’’ के तत्वावधान में रोशनपुरा चैराहे पर सांय 6 बजे से शंखनाद एवं शानदार आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जाएगा। आने वाले वर्ष हेतु मंगल कामनाएं करते हुए मंत्रोच्चारण कर 100 पुरोहितों द्वारा शंखनाद किया जाएगा। इसके अलावा परंपरागत रूप से शानदार मनमोहक आतिशबाजी का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में शामिल लोग रंग-बिरंगी आतिशबाजी का आनंद लेते हुए नववर्ष के स्वागत हेतु पूरे भारतीय समुदाय का उत्साहवर्द्धन करेंगे। श्री शर्मा ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से ‘‘कर्मश्री’’ के तत्वावधान में नववर्ष की पूर्व संध्या पर आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बार भी नववर्ष की पूर्व संध्या पर रोशनपुरा चैराहे पर शिवपुरी के प्रसिद्ध आतिशबाज कलाकारों द्वारा शानदार आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान आतिशबाज कलाकारों द्वारा आतिशबाजी के माध्यम से लक्ष्मणझूला, उगता सूरज, स्वचलित चरखा, झरना, मोर पंखी, स्वागत बोर्ड आदि के स्वरूप बनाकर प्रदर्शन किया जाएगा। भोपाल में यह अपने तरह का अनूठा आयोजन होगा, जिसका आनंद हर भोपालवासी को लेना चाहिए। श्री शर्मा ने राजधानी एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी नागरिकों से शंखनाद एवं आतिशबाजी के इस मनमोहक कार्यक्रम का आनंद लेने हेतु निर्धारित समय पर उपस्थित रहने की अपील की है।

Chief Editor JKA

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