ओबीसी आरक्षण पर नाकामी छिपाने भाजपा-कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप

माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मध्यप्रदेश में अब पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव बिना आरक्षण के होना लगभग तय है । पूर्व की कमलनाथ सरकार और वर्तमान शिवराज सरकार दोनों ही ओबीसी आरक्षण दिलाए जाने की वकालत कर रहे थे लेकिन न्यायालय के बार बार रिपोर्ट मांगने पर भी सरकार की ओर से डेटा प्रस्तुत न करना सरकार की नाकामियों को दर्शाता है । अब शिवराज सिंह चौहान ने खुद को और सरकार को ओबीसी के प्रति अपना लगाव दिखाने के लिए एक तरफ रिव्यु पिटीशन लगाने की बात कही है, हालांकि रिव्यु पिटीशन स्वीकार होने की संभावना कम ही है तो वहीं दूसरी तरफ ओबीसी हितैषी दिखाने के लिए मुख्यमंत्री ने अपना विदेश दौरा निरस्त कर दिया है ।
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के कारण लंबे समय से अटके पंचायत और निकाय चुनाव के संबंध में आज सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही सियासी घमासान मच गया है । बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुट गए हैं । खुद को सबसे बड़ा ओबीसी हितैषी बताने की कोशिश में सियासी दल जुटे हैं । बिना ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू कर दिया है, वहीं कांग्रेस नेता इसे बीजेपी की साजिश और उसका किया धरा बता रहे हैं । मध्य प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायतों निकाय चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सूबे का सियासी पारा गर्म है । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना विदेश दौरा निरस्त कर दिया है । सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में कहा है कि कल स्थानीय निकाय में बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के चुनाव कराने का फैसला आया है । मेरी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक सशक्तीकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला निर्णय है, इसलिए राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में दोबारा संशोधन याचिका दायर करेगी । इसका फैसला लिया गया है ।
भाजपा ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया
प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा- “आज जो हालात बने उसके पीछे कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है । यदि पहले ही कांग्रेस के नेता कोर्ट में नहीं जाते तो आज आरक्षण पर रोक नहीं लगती”। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा “राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का परीक्षण करा रही है । इसके बाद सरकार अगला कदम उठाएगी”। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को कोर्ट के सामने पेश किया था । अधूरी रिपोर्ट देने पर कोर्ट की नाराजगी के बारे में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा “ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 1 हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा था । कोर्ट की अपेक्षा के मुताबिक जवाब देने के लिए समय मांगा था। लेकिन अब कोर्ट का आदेश आ चुका है. कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है. राज्य सरकार कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर अगला कदम उठाएगी” । मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा-सरकार पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने के पक्ष में है । जरूरत पड़ी तो रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी ।
बीजेपी एमपी में आरएसएस का एजेंडा लागू करने की कोशिश में है
बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस में ओबीसी वर्ग के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “बीजेपी एमपी में आरएसएस का एजेंडा लागू करने की कोशिश में है । 56 फीसदी आबादी के साथ सरकार षड्यंत्र कर रही है । अरुण यादव ने कहा इस बात की आशंका थी कि अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर सरकार की घोर लापरवाही सामने आएगी. बीजेपी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण खत्म करने का एजेंडा लागू करने की कोशिश में है । सरकार ने आधी अधूरी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की है, जो ओबीसी वर्ग के साथ धोखा है । इसका जवाब 2023 के चुनाव में ओबीसी वर्ग बीजेपी को देगा । अरुण यादव ने कहा कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर रही है । जरूरत पड़ी तो कांग्रेस अपील कर सकती है ।

Subscribe to my channel



