
राज्यसभा के लिए खाली हुई सीटों पर कल से नामांकन शुरू हो गए हैं । भारतीय जनता पार्टी की ओर से जयभान सिंह पवैया का नाम प्रबल दावेदारों में लिया जा रहा है । दरअसल 2023 विधानसभा और 2024 लोकसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के नाम पर लड़ने का मन बना चुकी है । प्रदेश में ओबीसी का सबसे बड़ा चेहरा खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं जो बीते चार कार्यकाल से मध्य प्रदेश की सत्ता का मुखिया बनकर ना केवल प्रदेश की सरकार का संचालन कर रहे हैं बल्कि भारतीय जनता पार्टी में नेतृत्व के रूप में सर्वमान्य नेता बन बैठे हैं तो वही प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बीडी शर्मा ब्राह्मण नेता हैं । अब भारतीय जनता पार्टी का टारगेट हिंदुत्व है और इसी टारगेट को पूरा करने के लिए जयभान सिंह पवैया को राज्यसभा भेजा जा सकता है ।
आपको बता दें कि जयभान सिंह पवैया ग्वालियर से सांसद रहे हैं और इसके अलावा वे मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं । जयभान सिंह पवैया की राजनीति हमेशा से ही सिंधिया परिवार के खिलाफ रही है और इसी के चलते उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर मेले की शुरूआत की, लेकिन अब इस राजनीति का चलना मुश्किल है क्योंकि खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल हो गए हैं।
जय भान सिंह पवैया को जनता के बीच बजरंगी दादा के नाम से जाना जाता है क्योंकि पवैया बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक रहे हैं । बाबरी मस्जिद को ढहाने में पवैया भी शामिल रहे यही एक कारण हैं कि जब राम मंदिर की नींव रखी जा रही थी तब मध्य प्रदेश से उमा भारती के अलावा जयभान सिंह पवैया को ही आमंत्रित किया गया था । सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद महल के खिलाफ पवैया की राजनीति समाप्त हो गई, तब पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र का प्रभारी बना कर मध्य प्रदेश की राजनीति से बाहर कर दिया था और अब एक बार फिर उन्हें राज्यसभा की कमान सौंपकर पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर हिंदुत्व का एक प्रचार-प्रसार भी कराना चाहती है हालांकि राज्यसभा की दौड़ में और भी कई नेता शामिल हैं ।

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