मध्य प्रदेश के पंचायतों में शराबबंदी तोड़ी तो जेब होगी ढीली, दमोह के गांवों में लगेगा जुर्माना

दमोह: शराब को सामाजिक बुराई का दर्जा दिया गया है. दमोह में 3 गांव के लोगों ने मिलकर इस बुराई को दूर करने का फैसला किया है. ग्रामीणों ने आपसी सहमति से गांव में पूरी तरह से शराबबंदी का फैसला लिया है. इस फैसले को कड़ाई से लागू कराने के लिए इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि शराब की वजह से कई घर-परिवार बर्बाद हो गए. गांव में आए दिन शराब पीकर मारपीट की घटनाएं सामने आती हैं. इस पर लगाम लगाने के लिए ये फैसला लिया गया है.
दमोह के 3 गांवों में शराबबंदी का निर्णय
विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा दमोह में शराबबंदी के लिए मुहिम चलाई जा रही है. जिसमें भगवती मानव कल्याण संगठन द्वारा किए जा रहे प्रयास अब रंग ला रहे हैं. संगठन के प्रयासों से 2 दिन के भीतर जिले के 3 ग्राम पंचायत आनू, हलगज और मुराड़ी में सर्वसम्मति से शराबबंदी का निर्णय लिया गया. इस मौके पर जनप्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय थाने की पुलिस भी मौजूद थी.

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