मेडिकल कॉलेज के डीन शुरू से ही विवादों में

श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसी) में भर्ती प्रक्रिया विवादों में आ गई है। कुछ महीने पूर्व ही यहां पर 198 नर्सिंग पदों की भर्ती की गई थी। इसके साथ ही पिछले एक वर्ष में कई पदों पर भर्तियां की गई हैं। इनमें हुए कथित भ्रष्टाचार के लिए डीन डॉ. अक्षय कुमार निगम और जीएमसी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. केबी वर्मा को हटाने की मांग को लेकर शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है। इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक और अवर सचिव दोनों ने ही जांच के लिए ग्वालियर आयुक्त को पत्र लिखा है।
आपको बता दें कि शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अक्षय कुमार निगम शुरू से ही विवादों में है । एक बार फिर उनका नाम कॉलेज में हुई नर्सिंग भर्ती में अनियमितता को लेकर सुर्खियों में है और मामला भोपाल तक पहुंचने के बाद उपरोक्त मामले की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक और अवर सचिव दोनों ने ही जांच के लिए ग्वालियर आयुक्त को पत्र लिखा है। जानकारी के अनुसार डीन डॉ अक्षय कुमार निगम पर आरोप लगा था कि कोरोना काल में नियमों को ताक पर रखकर 45 लाख रुपये का लोकल परचेस किया गया था। मनमाने ढ़ंग से मेडिकल स्टोर फर्म अवि फार्मा एमके प्लाजा हॉस्पिटल रोड ग्वालियर को ऑर्डर दिए गए जिस पर डॉ. अक्षय निगम अपना क्लीनिक संचालित करते हैं।
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के डीन होने के साथ डॉ. निगम जीआरएमसी में कैंसर विभाग में भी पद संभाल रहे हैं। इन छह महीनों में इन्होंने ओपीडी में एक भी मरीज नहीं देखा है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शासकीय चिकित्सालय में कैंसर का उचित परामर्श नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं कोरोना काल में शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में लापरवाही बरती गई जिसके कारण कॉलेज की छवि धूमिल हुई और अटेंडरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही एक प्रकरण में डॉ. अक्षय कुमार निगम को कोर्ट से सजा भी सुनाई जा चुकी है। इन पर लोकायुक्त में जांच प्रकरण क्रमांक 769/2017 प्रचलित है जिसकी जांच अभी चल रही है।

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