मोदी के मंच पर साध्वी प्रज्ञा को नहीं मिली तवज्जों

भोपाल : आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा की जयंती को लेकर राजधानी भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया था। जंबूरी मैदान में हुए इस आयोजन में पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आदिवासी रंग में रंगे हुए नजर आए। इस दौरान मंच पर प्रदेश के आदिवासी नेताओं के अलावा केंद्र सरकार में प्रदेश से मंत्री और भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी नजर आईं। भोपाल की सांसद होने के नाते प्रज्ञा ठाकुर भी यहां परंपरा और प्रोटोकॉल के मुताबिक मौजूद रहीं। हालांकि इस दौरान भी उन्हें मंच पर पीएम मोदी का स्वागत करने का कोई मौका नहीं मिला।
अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वालीं भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने नजरअंदाज किया। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए आदिवासी गौरव दिवस के कार्यक्रम के मंच पर न तो साध्वी प्रज्ञा को पीएम के स्वागत का अवसर मिला और न ही रानी कमलापति वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के मौके पर मंच पर कोई स्थान। सोमवार को पीएम मोदी जंबूरी मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए जब मंच पर पहुंचे, तो उन्होंने वहां मौजूद सभी नेता और मंत्रियों का बारी-बारी से अभिवादन स्वीकार किया। लेकिन मौजूद सांसद मौजूद साध्वी प्रज्ञा को वे नजरअंदाज करते हुए आगे निकल गए।
गौरतलब है कि साल 2019 में साध्वी प्रज्ञा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ तक करार दिया था। इसके बाद सियासी तूफान आ गया था। बढ़ते बवाल के बीच भाजपा ने भी साध्वी के इस बयान को नकार दिया और उन्हें नोटिस भी जारी किया। इसके बाद साध्वी ने मामला बिगड़ते देख इस बयान को लेकर माफी मांग ली थी। साध्वी के इस विवादित बयान को लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि भले ही प्रज्ञा ठाकुर माफी मांग लें लेकिन मैं दिल से कभी उन्हें माफ नहीं कर पाउंगा।’

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