यात्रियों की जान जोखिम में डालकर निकलते यात्री वाहन

बड़ी खबर : सरकार ने क्षेत्र के विकास के लिए डैम तो बना दिया लेकिन डैम बन जाने के कारण दर्जनों गांवों कैद होकर रह गए हैं उसकी चिंता शायद सरकार ने नहीं की, नहीं तो उनके लिए आवागमन की सुविधा अवश्य करती । प्रतिदिन दर्जनों यात्री बस और चार पहिया वाहन अपर ककैटो डैम के नीचे बने उबड़ खाबड़ सड़क जो कि बीते दिनों आई बाढ़ में बह गया था, से गुजरते हैं । यात्री वाहनों के चालकों द्वारा अपने महंगे डीजल को बचाने के लिए इस रास्ते को चुना गया, जबकि यहाँ से गुजरना खतरे से खाली नहीं है । कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है और शायद बेख़बर और बेपरवाह प्रशासन उसी दिन का इंतजार कर रहा है ।
दरअसल शिवपुरी और श्योपुर जिले की संयुक्त सीमा पर बना अपर ककैटो डैम इस बार खूब बारिस होने के चलते लबालब भरा हुआ है । और इसी के चलते सहसराम और उसके आसपास के आसपास के गाँव के मुख्य रास्ते लगभग बंद हो गए हैं । ग्रामीण और यात्री बस डैम के नीचे के उबड़ खाबड़ रास्ते से ही निकलते हैं, रास्ता खराब होने के कारण बड़ा हादसा होने की आशंका रहती है । दर्जन भर गाँव की समस्या का समाधान न तो प्रशासन सोच रहा है और न ही सरकार की नुमाइंदगी करने वाले क्षेत्रीय विधायक और सांसद जो कि केन्द्र सरकार में पंचायत ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा संभाले हुए हैं ।

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