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असमंजस में शिव-राज, किसकी सुनें, संघ या सिंधिया की

सूबे की सत्ता मजबूत होते – होते इतनी मजबूर हो गई कि अब खुद शिव-राज इस असमंजस में है कि वह किसकी सुने ? ,संघ, या सिंधिया ? सिंधियाई नेताओं ने दल तो बदल लिया लेकिन उनके हाव भाव अभी भी कांग्रेसी ही हैं । बीते दिनों सरकार के एक मंत्री ने महिलाओं को लेकर बयान देकर विरोध झेला तो खुद शिवराज ने उनकी फटकार लगाई । सरकार में सिंधिया कोटे से बने मंत्रियों की कार्यशैली के चलते न केवल ग्राउंड रिपोर्ट खराब है बल्कि मूल भाजपाई नेता खुद को किनारे पर महसूस कर रहे हैं । अब ऐसे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवराज मंत्रिमंडल से ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक आधे मंत्रियों की विदाई होगी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों मंत्रियों की संख्या आधी किए जाने का टास्क भाजपा संगठन को दिया है। इसके बाद भाजपा संगठन इस टास्क पर अमल करने में जुट गया है।

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भोपाल से प्रकाशित एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक संघ को शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक करीब आधा दर्जन चेहरे रास नहीं आ रहे हैं। इसलिए संघ ने भाजपा संगठन को यह निर्देश दिया है कि इसमें से कम से आधे मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए। इसके लिए संघ ने बकायदा एक प्लान भी भाजपा संगठन को दिया है।

संघ के प्लान के मुताबिक सिंधिया समर्थकों को वाजिब कारण बता मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इस प्लान के तहत भी भाजपा विधायकों से वन टू वन फीडबैक लिया जा रहा है साथ ही राष्टीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मंत्रियों के साथ संभागवार बैठकें कर रहे हैं।.

इसके आधार पर ही मंत्रियोंकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट बनाई जा रही है, जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। शिवराज सरकार के 30 सदस्यीय मंत्रिमंडल में इस समय 12 मंत्री सिंधिया समर्थक हैं। भाजपा पष्ठभूमि के अभी 18 ही मंत्री हैं यही बात संघ को रास नहीं आ रही है।

रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि संघ के इस टास्क के पहले टारगेट मंत्री बिसाहुलाल सिंह हैं। एक विवादित बयान के बाद बिसाहुलाल को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर विवश किये जाने के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा तलब कर नाराजगी जताए जाने को संघ की योजना का ही हिस्सा माना जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि सार्वजनिक माफी मांगने के बाद भी करणी सेना का बिसाहुलाल सिंह के इस्तीफ के लिए अड़े रहने के पीछे भी संघ का ही हाथ है।

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Chief Editor JKA

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