GRMC : क्यों नहीं बढ़ सकीं एमबीबीएस की 100 सीटें ?

ग्वालियर : प्रदेश का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज गजराराजा मेडिकल कॉलेज है जिसमें एडमिशन पाना हर छात्र की ख्वाहिश हुआ करती थी लेकिन आज कॉलेज के मुखिया के रवैये के चलते अखबारों की सुर्खियां बनकर रह गया है । आए दिन कॉलेज और कॉलेज से संबंधित अस्पतालों में हो रहे भ्रष्टाचार से चर्चा में है ।
एक सवाल आज भी पहेली बनकर घूम रहा है कि जीआरएमसी के पास भरपूर इन्फ्रास्ट्रक्चर है फिर कॉलेज को मिलने वाली एमबीबीएस की 100 सीटें क्यों नहीं मिलीं । ऐसी कौन सी खामियां थीं जिनके चलते नेशनल मेडिकल काउंसिल ने 100 सीटों को स्वीकृति नहीं दी । सूत्रों के मुताबिक इन सबके पीछे कॉलेज के प्रभारी डीन की कार्यप्रणाली है, संस्थान के प्रति उनके उदासीन रवैये के चलते ही आज कैंपस में बने छात्रावास धूल खा रहे हैं । जबकि सरकार की ओर से कॉलेज को लगातार इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जा रहा है तो वहीं आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके इसके लिए जयारोग्य, कमलाराजा, माधव डिस्पेंसरी और ट्रामा सेंटर के बाद सुपरस्पेशलिटी हॉस्पीटल दिया तो अब 1000 बिस्तर का अस्पताल भी बनकर तैयार होने को है, लेकिन कॉलेज को मिलने वाली 100 सीटों से न केवल कोविड के समय सहयोग मिलता बल्कि प्रवेश पाने वाले उन 100 छात्रों के भविष्य का निर्माण भी होता ।

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