यूपी चुनाव : बसपा की पतंग की डोर मिश्रा के हाथ, किससे फँसेगा पेंच

उत्तरप्रदेश : राजनीति में एक कहावत है कि “यहां ना तो कोई स्थाई विरोधी होता है ना ही दोस्त” । चुनाव में या राजनीति में जो अवसरों को पहचान लेता है वही राजनीति में सफल व्यक्ति माना जाता है । यही कारण है कि चुनाव के ऐन वक्त पार्टी बदलने में आयाराम – गयाराम की स्थिति होती रहती है । उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी कुछ ऐसा ही चल रहा है, कुछ लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो वहीं भाजपा के बड़े नेता जो के योगी सरकार में मंत्री पद पर रहे वे भी भाजपा को अलविदा कहकर साइकिल की सवारी कर रहे हैं । शायद उन्हें आभास हो गया है कि इस बार साइकल रफ्तार पकड़ी गई और मौके पर चौका लगाने की कोशिश में हैं ।
अपने नेताओं की बगावत को देखकर भारतीय जनता पार्टी बिल्कुल भी विचलित नहीं हो रही है । सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने B प्लान बनाकर तैयार रखा है और यह B प्लान बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन हो सकता है । हम पहले ही जिक्र कर चुके हैं कि यहां ना तो कोई स्थाई विरोधी होता है ना ही दोस्त तो फिर बसपा भाजपा की विरोधी कैसे हो सकती है । पहले भी बसपा और भाजपा गठबंधन की सरकार चला चुके हैं । चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया लेकिन मायावती का हाथी अभी सोया ही हुआ है । कोई उनकी तरफ से हलचल दिखाई नहीं दे रही यानी कि साफ तौर पर यह दिखाई दे रहा है संक्रांति के बाद राजनीति के आसमान में पतंग उड़ेंगी लेकिन बसपा की पतंग की डोर आजकल सतीश मिश्रा के हाथ में है और सतीश मिश्रा किस पतंग को काटेंगे और किससे पेंच फंसायेंगे ये आने वाला वक्त ही बता पाएगा लेकिन बसपा की खामोशी किसी बड़ी राजनैतिक हलचल को जन्म देने वाली है ।

Subscribe to my channel



