प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द कर पुनः आयोजित की जाए : एसएफआई

कैलारस – 5 मार्च से आयोजित की जा रही प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा शुरू से ही धार जिले की खबरें आ रही थी लेकिन 26 मार्च को सोशल मीडिया के माध्यम से जो स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए हैं उनसे यह स्पष्ट हो गया है कि इस परीक्षा में जमकर घोटाला किया गया है। एवं जो होनहार युवा हैं उनके साथ बहुत ही बड़ा अन्याय सरकार के संरक्षण में माफिया ने किया है इसके लिए पूर्ण रूप से सरकार व व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अधिकारी दोषी हैं। इससे पूर्व पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में भी बहुत बड़े स्तर पर धांधली हुई है एवं उसका जो रिजल्ट घोषित किया गया है उस में बार-बार बदलाव से यह स्पष्ट है कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा भी गड़बड़ी से वंचित नहीं है। लगभग 11 वर्ष बाद बड़े लंबे अंतराल के बाद सरकार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की है कई नौजवान बेरोजगारी के इस दौर में रोजगार के लिए इंतजार कर रहे थे लेकिन सरकार ने न केवल उनके साथ धोखाधड़ी की है बल्कि उनके सपनों का सौदा किया है। व्यापम ने इस तरीके के कृत्य के माध्यम से छात्रों का मानसिक रूप से शोषण किया है। स्पष्ट है कि भाजपा सरकार पूर्ण रूप से माफिया की गिरफ्त में है युवाओं के भविष्य के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया गया है नौजवानों को धर्म और जाति के नाम पर बैठकर सरकार अपनी नाकामियों को दबाकर उनके सपनों का सौदा कर रही है। इसके विरोध में छात्रों ने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में प्रदर्शन कर इस परीक्षा को तत्काल रद्द पुणे ऑफलाइन तरीके से आयोजित करने सभी अभ्यर्थियों की फार्म फीस एवं सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र होने की वजह से यात्रा व्यय सहित वापस करने एवं पेपर लीक कांड में शामिल लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। तथा आंदोलन के अगले चरण में 30 मार्च को रैली का आह्वान किया है। प्रदर्शन का नेतृत्व एसएफआई के प्रांतीय संयुक्त सचिव राजवीर धाकङ, नगर संयोजक बॉबी धाकङ, आशीष धाकङ, महेन्द्र धाकङ, चेतन शर्मा आदि ने किया। इस दैरान चन्द्रपाल सिंह, कृष्ण प्रजापति, विनोद धाकङ, देवेन्द्र धाकङ, विनोद जाटव, रामकुमार धाकङ, सतीश धाकङ, रविन्द्र, धर्मेन्द्र, महेन्द्र एंचौली आदि सहित कई लोग शामिल थे।

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