PMGKY के राशन को आखिरकार कौन डकार रहा है, सीएम की चेतावनी का भय नहीं

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज कल मंच से खुली चेतावनी दे देते हुए सुने जा सकते हैं । वह हर मंच से गुंडे बदमाशों और माफियाओं को कड़ी चेतावनी देते हुए कहते हैं कि उनके खिलाफ f.i.r. तो होगी ही साथ ही उन को तबाह करके छोड़ा जाएगा और उनकी आर्थिक कमर भी तोड़ दी जाएगी। गुंडे बदमाश और माफियाओं के लिए मध्यप्रदेश की धरती पर कोई जगह नहीं है । इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीबों के राशन पर डाका डालने वाले माफियाओं को भी खुले तौर पर चुनौती और चेतावनी देते हैं कि यदि किसी ने गरीबों का राशन खाया तो उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा । बीते दिनों एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राशन घोटाले को लेकर मंच से ही जिम्मेदारों को निलंबित करने की घोषणा करके जनता के बीच नायक की भूमिका निभा कर खूब वाहवाही बटोरी थी ।
कोरोना की पहली लहर के साथ ही प्रदेश सरकार के अलावा केंद्र सरकार ने गरीबों का ध्यान रखा था । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू कर प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी, तब से लेकर लगातार या योजना गरीब जनता के लिए चल रही है जो कि मार्च 2022 तक थी लेकिन बीते दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को आगे बढ़ाकर सितंबर 2022 तक चलाने का की घोषणा कर दी है ।
पीडीएस के अलावा मिलता है 5 किलोग्राम मुफ्त राशन
राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से एक रुपए किलो गेहूं और चावल के अलावा नमक उपलब्ध कराया जाता है । यह योजना लगातार चल रही है और पात्र लोगों को एक रुपए किलो अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है । वही कोरोना के बाद लोगों को मदद के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त राशन अतिरिक्त उपलब्ध कराने की योजना है लेकिन लगातार ग्रामीण क्षेत्रों से जानकारी प्राप्त हो रही है कि ग्रामीण इलाकों में संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से हितग्राहियों को केवल मुफ्त का राशन ही उपलब्ध कराया जा रहा है । उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस से मिलने वाले राशन की उपलब्धता नहीं कराई जा रही । ऐसे में सवाल उठता है कि इतने लंबे समय से गरीब के राशन को कौन और किसके इशारे पर डकार रहा है । क्या इन पर सरकार कभी कार्यवाही करेगी या सरकार के आला अधिकारियों की कुछ जिम्मेदारी है जिसके तहत इस योजना की मॉनिटरिंग की जाएगी या फिर यूं ही करोड़ों के राशन के वारे न्यारे होते रहेंगे ।

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