शहर के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने आईएमए और शहर के निजी अस्पतालों के संचालक आगे आए

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शहर के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और शहर के निजी अस्पतालों के संचालक आगे आए हैं। ये लोग सरकारी अस्पतालों का न केवल कायाकल्प करेंगे, बल्कि आवश्यक उपकरण भी मुहैया कराएंगे। पहले चरण में आईएमए ने दो, कोणार्क हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राकेश रायजादा और रिम्स हॉस्पिटल के संचालक नीरज गुप्ता ने एक-एक अस्पताल को गोद लिया है।
ये डॉक्टर चिह्नित अस्पतालों में सिविल वर्क कराने के साथ जरूरत के मुताबिक फर्नीचर, उपकरण और कम्प्यूटर उपलब्ध कराएंगे। खर्च भी आईएमए और हॉस्पिटल संचालक ही उठाएंगे। आईएमए से जुड़े विशेषज्ञ इन अस्पतालों में माह में एक दिन फ्री सेवाएं भी देंगे।
जानिए शहर के कौन से सरकारी अस्पताल लिए गए गोद
हेम सिंह की परेड डिस्पेंसरी और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अवाड़पुरा को आईएमए ने गोद लिया है।Z आईएमए अध्यक्ष डॉ. प्रियंवदा भसीन ने बताया कि इन दोनों अस्पतालों की व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाएगा। यह काम चालू कर दिया गया है।
कोणार्क हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राकेश रायजादा ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गेंडेवाली सड़क तथा रिम्स हॉस्पिटल के संचालक नीरज गुप्ता ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुल्लपुर को गोद लिया है। ये लोग इन अस्पतालों में सिविल वर्क कराने के साथ ही आवश्यक फर्नीचर, कम्प्यूटर के साथ मरीजों के इलाज के लिए उपयोगी आवश्यक उपकरण भी मुहैया कराएंगे।
इस तरह से होगा सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प
सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि निजी डॉक्टर्स सरकारी अस्पतालों में जाकर वहां का मुआयना करेंगे। इसके बाद जो भी वहां उन्हें कमियां नजर आएंगी उन्हें दूर करने के लिए प्रस्ताव बनाकर उसे न केवल सीएमएचओ को देंगे। बल्कि उस प्रस्ताव के आधार पर अस्पताल का कायाकल्प करेंगे। पहले चरण में 4 अस्पतालों को रखा गया है। यह प्रयोग अगर सफल रहता है तो अन्य सरकारी अस्पतालों को भी डॉक्टरों और प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों को गोद दिया जाएगा ।

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