निकाय चुनाव : भाजपा – कांग्रेस चलेंगे ओबीसी ट्रम्प कार्ड

मध्यप्रदेश में होने जा रहे एक पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों के नतीजों से शिवराज सरकार की सेहत पर जरूर कोई असर पड़ेगा, साथ ही ये चुनाव सरकार के कामकाज को लेकर जनता के मूड का आईना जरूर होंगे। इस चुनावी दंगल में दिलचस्पी का विषय यही है कि राज्य के दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस अपनी सीटें बचाने और दूसरे की सीट छीनने में कितने कामयाब हो पाते हैं।
मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण से वर्ग विशेष के वोट को खिसकता देख कर दोनों ही दलों ने ओबीसी को अधिक से अधिक टिकिट वितरण की बात कही है और ऐसा बोलकर वे हारी बाजी जीतने के लिए ही ओबीसी ट्रम्प कार्ड चलने का सोच रहे हैं । हालांकि प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ओबीसी को पंचायत चुनाव सीट आरक्षण में पूर्व की तुलना में कम सीटें मिली हैं । इस बार भाजपा ने सामान्य सीटों पर ओबीसी कार्ड खेलने का मन बनाया है, जो पार्टी की पिछड़ा वर्ग केंद्रित रणनीति का प्री-टेस्ट भी होगा। जहां तक चुनावी मुद्दों की बात है तो स्थानीय मुद्दे और जातिगत समीकरण ही इन चुनावों में निर्णायक होंगे। हालांकि आसन्न बिजली संकट और प्रदेश में महंगाई और ओबीसी आरक्षण भी चुनाव को प्रभावित करेंगे और ये चुनाव 2023 का सेमीफाइनल भी है ।
इसके अलावा दलबदलू को टिकट देना भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। कांग्रेस इन चुनावों को राज्य में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल मान रही है, जबकि भाजपा चुनाव के नतीजों को शिवराज सरकार के कामकाज पर जनता की मोहर के रूप में देखेगी। लिहाजा दोनों पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है।

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