सादगी,सरलता और सुगम्य चेहरे वाले जनसेवक हैं राधाकृष्ण

राजनीति में विरले ही चेहरे होते हैं जो जनता द्वारा चुनकर माननीय बन जाने के बाद जनता के बीच दिखाई देते हैं, जनता के द्वार पर वोट की याचना करने के बाद माननीय बनते ही खादी कुर्ते की सिलवट न टूटे इसलिए वे लक्ज़री गाड़ी से नीचे पैर नहीं रखते लेकिन इतर इन सबके एक नेता ऐसा भी है जो कहने के लिए नहीं बल्कि वास्तविकता में डाउन टू अर्थ यानी जमीनी नेता है, आचरण ऐसा कि उनकी सादगी का कोई सानी नहीं और सहज ,सरल इतना कि कोई भी ,कहीं भी अपने साथ बिठा ले, बुजुर्गों के चरणों मे झुकने में उसे कोई गुरेज नहीं तो युवाओं को तत्परता से गले लगाने में देर नहीं करते हैं । नगर का ऐसा कोई घर नहीं जहां जनता परेशानी में हो और उनका जनसेवक वहां न पहुँचे । हम बात कर रहे हैं नगर परिषद मोहना के समाजसेवी राधाकृष्ण धाकड़ की, जो कहने को तो राजनेता हैं लेकिन जनसेवक कहलवाना ही पसंद नहीं करते बल्कि साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते, स्वयं के व्यवसाय के बाद भी क्षेत्र की जनता के दुःख और संकट की घड़ी में खुद जनता के बीच पहुंचते भी हैं और मदद भी करते हैं । एक ऐसा व्यक्तित्व जो मिलनसार है जिसने कांग्रेस का दामन थामा तो उसकी नीति और रीति को अपनाया तो पूरी तरह से कांग्रेस की नीति और रीति को समझ लिया, गुटीय राजनीति से किनारा कर लिया,सबको साथ लेकर चलने की परंपरा को जीवित रखा, अपने समकक्ष नेता को तवज्जों तो दी ही साथ ही मंडल कार्यकर्ता की सूझ बूझ से लेकर क्षेत्रीय बड़े नेताओं की आवभगत राधाकृष्ण धाकड़ ने रखी, फ़िलहाल तो इतना ही कहा जा सकता है कि राधाकृष्ण सादगी,सरलता और सुगम्य चेहरे वाले जनसेवक हैं । आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में राधाकृष्ण नगर परिषद मोहना के लिए अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं, जनता कितना उनको चाहती है ये तो निकट भविष्य में पता चलेगा । —————————————–

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