बीज की शुद्धता से ही वर्तमान व भविष्य की सुंदरता है – केन्द्रीय कृषि मंत्री
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर के मुख्य आतिथ्य व केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया की वर्चुअल अध्यक्षता में कृषि विश्वविद्यालय में हुआ तीन दिवसीय 11वीं नेशनल सीड कांग्रेस का शुभारंभ

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि श्रृष्टि में जो कुछ भी है वह किसी न किसी बीज का ही परिणाम है। बीज की शुद्धता वर्तमान व भविष्य की शुद्धता व सुंदरता होती है। बीज फसल के ही नहीं संस्कारों के भी होते हैं। यदि खाद्यान्न व फल – सब्जी के बीज शुद्ध होंगे तो मनुष्यों के शारीरिक स्वास्थ्य की सुंदरता भी रहेगी। कृषि वैज्ञानिक जब विभिन्न किस्म के बीजों का अविष्कार करते हैं तो उससे देश और दुनिया आत्मनिर्भर होती है। श्री तोमर रविवार को यहाँ राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में शुरू हुई 11वी राष्ट्रीय बीज कांग्रेस-2022 (नेशनल सीड कांग्रेस) के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर भरोसा जताया कि राष्ट्रीय बीज कांग्रेस में देश भर से आए कृषि वैज्ञानिक विचार मंथन कर बीज को लोकोपयोगी बनायेंगे, जिससे देश आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगा। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम की वर्चुअल अध्यक्षता की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में नवनिर्मित दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार का लोकार्पण भी अतिथियों ने किया।
कृषि विश्वविद्यालय के नवनिर्मित दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित हुए नेशनल सीड कांग्रेस के उदघाटन सत्र में प्रदेश के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री कमल पटेल, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर (वर्चुअल), महापौर ग्वालियर डॉ. शोभा सतीश सिकरवार, भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव श्री अश्विनी कुमार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (शिक्षा) डॉ. आर सी अग्रवाल, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के राव, आयोजन सचिव डॉ. एस के शर्मा, क्षेत्रीय निदेशक आईसीएआरडीए नईदिल्ली डॉ. शिवकुमार अग्रवाल व डॉ. सुरेश मोटवानी मंचासीन थे।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने नेशनल सीड कांग्रेस के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज अधिकांश खाद्य फसलों के उत्पादन में विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में शामिल है। इसमें किसानों के परिश्रम व सरकार की किसान हितैषी नीतियों के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिकों के अनुसंधानों का भी अहम योगदान है। उन्होंने इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती को ध्यान में रखकर ऐसे अनुसंधान करें, जिससे हर तरह की परिस्थिति में किसान अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकें। साथ ही देश दलहन व तिलहन उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बने। श्री तोमर ने कहा कि कृषि की उन्नति के लिये सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। लेकिन इसके लिये केवल अच्छी नीतियाँ व फण्ड ही पर्याव्त नहीं है, उच्च कोटि के बीजों के अविष्कार की भी जरूरत है, जिससे उत्पादकता बढ़े और देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। इसमें कृषि वैज्ञानिकों की महती जवाबदारी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा खुशी की बात है कि मौलिक चिंतक, राष्ट्रवादी विचारक, श्रमजीवी एवं भारत माता के प्रति समर्पित महान व्यक्तित्व के नाम से राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में सभागार की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि उनके विचारों से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी राष्ट्रनिर्माण के लिये आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

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