विधानसभा 2023 : ये दावेदार हैं विधायकी के लिए आतुर
प्रबल दावेदार बिछा रहे हैं राजनीतिक बिसात

राजनीतिक : सूबे की राजनीति में उपचुनाव चल रहे थे इसलिए राजनीतिक सरगर्मियां दिखाई दे रहीं थी, उपचुनाव के बाद मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट है और उसके बाद नगरीय निकाय चुनाव यानी 2021 से लेकर 2023 तक मध्यप्रदेश में राजनीतिक उथल पुथल मची रहनी है । विधानसभा आम चुनाव को लेकर अभी से कयासों का दौर जारी है ,दावेदार अपनी राजनीतिक भूमि तैयार कर रहे हैं साथ ही संगठन के साथ अपना तालमेल बिठाकर दावेदारी पेश कर रहे हैं । इन दावेदारों में कई पुराने नेताओं से लेकर वर्तमान जनप्रनिधि और कुछ नए नवेले नेता भी शामिल हैं जो मध्यप्रदेश की विधानसभा पहुंचने का सपना देख रहे हैं ।
आज हम शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट का एक्सरे करते हैं और आपको बताने की कोशिश करते हैं कि आगामी 2023 में प्रमुख दलों से कौन कौन दावेदार हो सकता है । पोहरी में आगामी विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी वनाम कांग्रेस के साथ ही ब्राह्मण वनाम धाकड़ की उम्मीद ज्यादा दिखाई दे रही है, हालांकि 2018 को छोड़ दिया जाए तो ब्राह्मण वनाम धाकड़ ही चुनाव होते आए हैं । भाजपा वनाम कांग्रेस के पीछे का कारण यह है कि बसपा बीते दो चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही चुनौती दे चुकी है, उसके पास एक बड़ा जनाधार दिखाई दिया, पूर्व प्रत्याशी कैलाश कुशवाह चुन5खत्म होने के बाद क्षेत्र में नदारद दिखाई देते हैं और लगातार दो चुनाव हार जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वे येन वक़्त पर पाला भी बदल सकते हैं । भारतीय जनता पार्टी कब औऱ क्या निर्णय ले ले ये तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन सीधे तौर पर देखा जाए तो वर्तमान विधायक और राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा ही 2023 में भाजपा के उम्मीदवार होंगे, सुरेश धाकड़ राठखेड़ा के लिए टिकिट की वकालत केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया करेंगे जिनके रहमोकरम पर सूबे में भाजपा की सरकार बनी है, हालांकि दो पूर्व विधायक सहित कुछ नए नवेलों का नाम भी दावेदारों में शामिल है ।
जिस प्रकार से कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया पूर्व विधायक प्रहलाद भारती के लिए वीटो पावर लगाती है यदि फिर यही हुआ तो यशोधरा राजे के मान मनोव्वल के लिए प्रहलाद भारती को भी मौका मिल सकता है जिसकी सम्भावना कम ही है, इसके अलावा राजनीतिक हलचलों और सूत्रों की मानें तो एक पूर्व विधायक के कांग्रेस का हाथ थामने के मजबूत कयास भी लगाए जा रहे हैं । यदि ब्राह्मण वनाम धाकड़ चुनाव होता है तो कांग्रेस से प्रबल और मजबूत दावेदार के रूप में बंटी शर्मा पोहरी, और अखिल शर्मा ककरौआ का नाम सबसे आगे है ,इसके अलावा धाकड़ बहुलता को देखते हुए और 2018 के फार्मूले को फिर लागू करने का विचार कांग्रेस करती है तो युवा और शिक्षित नेता इंजी शिशुपाल वर्मा कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं, कहने को तो जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रद्युमन वर्मा का नाम कांग्रेस के लिए प्रमुखता से लिया जाता है लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में प्रद्युमन कुछ खास सक्रिय नहीं रहते हैं, उनके पूरे कार्यकाल को गौर से देखा जाए तो प्रद्युमन की निष्क्रियता ही दिखाई देती है और कांग्रेस 2023 में फिर से सत्ता में लौटना चाहती है ऐसे में डमी प्रत्याशी नहीं बल्कि बड़े जनाधार वाले व्यक्ति को मौका देगी । कौन से दल से कौन सा उमीदवार मैदान में होगा,कौन बगावत करेगा और कौन टिकिट न मिलने के बावजूद भी पार्टी का झंडा बुलंद करेगा ये तो अभी भविष्य के गर्त में है लेकिन राजनीतिक गलियारों में अभी से कयासों की चर्चा जोरों पर है ।

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