
ग्वालियर : आज की बदलती जीवन शैली , मोटापा, गलत खान-पान के कारण गठिया रोग युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है पिछले 20 साल में इस रोग के मरीजो की संख्या में करीब 30% की वृद्धि हुई है । मधुमेह रोग के बाद इस रोग के रोगियों की संख्या दूसरे नंबर पर है । सिर्फ भारत की बात करें तो यहां लगभग 15% लोगों में गठिया रोग पाया जाता है ।गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि गठिया के रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द और सूजन आ जाती है ।
इस रोग में जोड़ों में गाँठें बन जाती है और सूजन बनने जैसी पीड़ा होती है । नाड़ी की गति तेज हो जाती है लेकिन कुछ सावधानी बरतकर ऐसे असहनीय दर्द और गठिया जैसी बीमारी से मुक्ति पाई जा सकती है । उन्होंने बताया कि गठिया बात से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस के रूप में मनाया जाता है ।इस अवसर पर गठिया रोग से बचाव किस तरह से किया जा सकता है इसके बारे में लोगों को बताया जाता है क्योंकि यह रोग मधुमेह रोग से भी तेजी से फैल रहा है ।
गठिया रोग के लक्षण
चिकित्सकों के मुताबिक शुरुआत में विशेष लक्षण नहीं होते मगर पहले इस रोग में सुबह के वक्त हड्डियों के जोड़ में अकड़न के साथ दर्द होना शुरू होता है इसके बाद धीरे-धीरे पूरे शरीर तक आ जाता है लेकिन अंदर ही अंदर दर्द वालों को पता रहता है । कुछ समय बाद जोड़ों में दर्द होने लगता है जोड़ों में सूजन आने लगती है और इस कारण चलने में परेशानी होने लगती है ।
यह बरतें सावधानियां
◆ वजन कम करने के उपाय करें।
◆नियमित रूप से व्यायाम करें ।
◆ सुबह को देर तक ना सोए सूर्योदय से पहले उठकर घूमने जाएं ।
◆अधिक देर तक एक ही स्थिति में ना बैठे ।
◆ उठने बैठने और चलने में सही स्थिति का पालन करें ।
◆ गुनगुने पानी का इस्तेमाल अधिक से अधिक करें।

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