कांग्रेस के लिए जौरा एक अनार सौ बीमार है ….

2020 में सत्ता के उलटफेर में भले ही कांग्रेस नेताओं की एक लंबी फौज भाजपा में शामिल हो गई हो लेकिन जौरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास नेता और नेतृत्व की कमी नहीं है । सिंधिया और सिंधियाई नेताओं के भाजपा में चले जाने के बाद खबरों में एक ही खबर थी कि कांग्रेस में अब नेतृत्व और नेताओं की कमी हो गई है लेकिन जौरा को लेकर यह मिथक झूठा ही साबित होगा । दरअसल जौरा विधानसभा क्षेत्र मुरैना जिले के अंतर्गत आता है जहाँ 2013 में पहली बार कमल खिला तो भाजपा के सूबेदार सिंह रजौधा विधायक बने लेकिन 2018 में कमल न केवल मुरझाया बल्कि रेस से बाहर ही था और इस सीट को कांग्रेस ने हथिया लिया था । यहाँ आज भी कांग्रेस की लंबी फौज है जो जौरा से विधायक बनने का सपना पाल बैठे हैं और इसके लिए प्रयासरत हैं, इनमें सबसे पहले नाम 2020 के उपचुनाव के उम्मीदवार पंकज उपाध्याय का नाम शामिल हैं, अचानक टिकिट लेकर व्यवसाय छोड़ राजनीति की दुनिया में कदम रखने वाले पंकज भले ही चुनाव हार गए हों लेकिन एक बार फिर 2023 में अपनी किस्मत आजमाने के ख्वाब देख रहे हैं । इसके बाद जिला पंचायत मुरैना के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश यादव भी पार्टी का झंडा थामकर पार्टी की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं और क्षेत्र में पसीना शायद इसलिए ही बहा रहे हैं ताकि 2023 में विधायक बनने का सपना पूरा हो सके । 2020 के उपचुनाव में टिकिट की दावेदारी दिखा चुके भितरवार विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय सिंह यादव पिछले दो सालों से जौरा विधानसभा के गाँव गाँव और गली गली में अपने काफिले से धूल उड़ा रहे हैं, संजय सिंह संघर्षरत युवा नेता हैं और 24 घण्टे 7 दिन सक्रिय भूमिका में रहने वाले संजय सिंह वर्तमान में मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और जौरा से विधानसभा जाने की चाहत लेकर गाँव गाँव में लोगों के सुख दुःख में शरीक होने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा दावेदारों की सूची में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह सिकरवार ( गाँधी ) और पूर्व विधायक सूबेदार सिंह सिकरवार के बेटे भानुप्रताप सिंह सिकरवार भी जौरा से अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं । टिकिट की लंबी सूची को प्रतीक्षारत देखकर हर कोई यही कहता है कि जौरा कांग्रेस के लिए एक अनार सौ बीमार वाली कहावत बनकर रह गया है हालांकि आने वाला वक़्त ही बता पाएगा कि जौरा में कांग्रेस से टिकिट के लिए ऊँट किस करवट बैठेगा लेकिन तब तक एक बात तो साफ है कि जौरा में कांग्रेस सक्रिय भूमिका में है और उनके पास न तो नेताओं की कमी है और न ही नेतृत्व की ।

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