भाजपा – कांग्रेस के बागियों का ठिकाना बना हाथी
भाजपा और कांग्रेस से बगावत कर बहुजन से टिकट लेकर उतर रहे हैं चुनावी समर में

मध्य प्रदेश में इस समय मौसम भले ठंड की ओर करवटें ले रहा हो लेकिन राजनीतिक मौसम इस समय पूरी गर्माहट पर है ।चुनाव की तारीख जैसे-जैसे पास आती जा रहे हैं आयाराम और गयाराम की संख्या भी बढ़ रही है । सभी राजनीतिक दलों से बगावत के सुर तेज होते दिखाई दे रहे हैं । भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से टिकट कटने के बाद नेता अपनी बगावत पर उतर आए हैं और उन्हें अब नया ठिकाना सिर्फ और सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही दिखाई दे रही है । बहुजन समाज पार्टी भाजपा और कांग्रेस के बागियों के लिए आश्रय का ठिकाना बन गया है । वह इन दलों से आने वाले नेताओं को टिकट भी दे रही है । बीते दिनों में ऐसे कई नेता हैं जिन्होंने बीजेपी और कांग्रेस का दामन छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है, इनमें प्रमुख नाम यादवेंद्र सिंह नागौद है , साल 2013 में सतना जिले की नागौद सीट से कांग्रेस के विधायक रहे यादवेंद्र सिंह इस बार कांग्रेस में टिकट नहीं पा सके, कांग्रेस ने उनकी जगह डॉक्टर रश्मि सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है । टिकट कटने से नाराज होकर यादवेंद्र ने बीते दिन भोपाल में बसपा के प्रदेश प्रभारी राम जी गौतम के समक्ष बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कर ली और 24 घंटे के भीतर ही बसपा ने उन्हें नागौद से उम्मीदवार बना दिया । दूसरा नाम रत्नाकर चतुर्वेदी का है , रत्नाकर चतुर्वेदी भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन भाजपा ने सतना से सांसद गणेश सिंह को प्रत्याशी बना दिया इसीलिए रत्नाकर भाजपा छोड़ कर बसपा में शामिल हो गए और बसपा ने उन्हें यहां से टिकट दे दिया है , अब रत्नाकर का सामना भाजपा के गणेश सिंह और कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा से होगा । इसके अलावा भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भी भाजपा को अलविदा कह दिया और हाथी की सवारी कर ली । बसपा ने अपनी पांचवी सूची में रसाल सिंह को भी टिकट दे दिया है और इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर आने वाले कमल सिंह को बसपा ने बालाघाट से अपना उम्मीदवार बनाया है ।

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