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चार दिवसीय डॉ. वासंती जोशी (बक्षी) स्मृति कला रंगोत्सव प्रारंभ

कल्पवृक्ष आर्ट गैलरी उद्घाटित

शक्ति विहार, ठाटीपुर ग्वालियर में डा० वासंती जोशी की स्मृति में चार दिवसीय (25 नवंबर से 28 नवंबर तक) कल्पवृक्ष आर्ट गैलरी का शनिवार 25 नवम्बर को समारोह पूर्वक शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट मुंबई के प्रोफेसर डॉ गणेश तरतरे ने जीवन में कला के महत्व को निरूपित करते हुए कहा कि कला जहां हमारी संस्कृति की वाहक है वहीं समाज में अपराध और हिंसा को कम करने में भी बहुत सहायक है। उन्होंने आर्ट गैलरी स्थापना की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी गैलरियां हर गली और कूचे में स्थापित होनी चाहिए, जिससे समाज में रचनात्मक बदलाव का मार्ग प्रशस्त होगा।

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भारतीय चित्रकला के विविध आयामों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कोल्हापुर में रियलिस्टिक चित्रण की भारतीय परंपरा आज भी सजीव है । वहां 700 से अधिक कलाकार चित्रकला और मूर्ति कला में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मिनिएचर पेंटिंग पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह समृद्ध भारतीय परंपरा है और समकालीन कला दृष्टि पर भी उन्होंने बहुत गहरी बात कही । डा० वासंती जोशी के कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी थीसिस में ग्वालियर के तीन प्रमुख कलाकारों का विस्तार से उल्लेख है उन तीनों पर संस्था पुस्तकों को प्रकाशित करवाए। उन्होंने संस्था के अध्यक्ष और डॉ जोशी (बक्षी) के पति प्रमोद कुमार जोशी को उनके प्रयासों के लिए विशेष साधुवाद दिया।

 

कार्यक्रम की अध्यक्ष आगरा फाईन आर्ट कॉलेज की पूर्व प्राचार्य और डॉक्टर वासंती जोशी की गाइड प्रोफेसर डॉक्टर सरोज भार्गव ने बहुत भावुक होते हुए अपनी प्रिय शिष्या से अपने जुड़ाव और उनके कार्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज इस गैलरी की स्थापना जहां हर्ष का विषय है वहीं डा० वासंती का हमारे बीच ना होना टीस कारक है। वह बहुत मेहनती शोधार्थी थीं और अच्छी कलाकार भी। उनके शोध ग्रंथ से जहां तीन किताबें निकलेंगी वही इस गैलरी में उनका कार्य भी प्रदर्शित होगा जो आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ श्रीमती वासंती जोशी (बक्षी) कला एवं सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष उनके पति श्री प्रमोद जोशी ने गैलरी स्थापना की पृष्ठभूमि और प्रेरणा स्त्रोत अपनी पत्नी के बारे में बहुत भावुक होते हुए विस्तार से पूरी जानकारी दी। उन्होंने कोल्हापुर, मुंबई तथा देश के अन्य भागों से पधारे सभी कलाकारों का स्वागत किया । उन्होंने संस्था की तरफ से कला संबंधी प्रकाशन तथा संस्कृतिक गतिविधियों को पूरी शिद्दत से संचालित करने का संकल्प दोहराया।इस अवसर पर संस्था के सचिव प्रोफेसर बलवंत सिंह भदोरिया भी मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन सी०ए० पुनीत जोशी ने किया। कार्यक्रम में कोल्हापुर से पधारे 28 कलाकार सहित स्थानीय कलाकार,पत्रकार और कला प्रेमी भारी संख्या में उपस्थित थे। बाद में सब ने कल्पवृक्ष आर्ट गैलरी में प्रदर्शित डा० वासंती जोशी के चित्रों का अवलोकन किया तथा उनके कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

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रविवार 26 नवम्बर को होटल सेलिब्रेशन में कोल्हापुर से पधारे कलाकार एवं स्थानीय कलाकार ने कलाकृतियों का सृजन किया। सोमवार 27 नवंबर को प्रातः 7:00 बजे से दोपहर 12:00 तक कलाकार मोती महल के समक्ष बैजाताल क्षेत्र में बैठकर पेंटिंग्स बनाएंगे। नगर के कला प्रेमी सृजन रत कलाकारों को काम करते हुए देख सकेंगे। सामाजिक जुड़ाव की यह पहल भविष्य के कलाकारों को प्रेरित करेगी।मंगलवार 28 तारीख को कार्यक्रम का समापन होटल सेलिब्रेशन में कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी से होगा। समापन अवसर पर राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर नाहर मुख्य अतिथि होंगे तथा जीवाजी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्ति आचार्य डॉ रामावतार शर्मा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

 

Chief Editor JKA

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