आखिरकार कौन रामनिवास रावत ? , जिनके लिए पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार को करना पड़ा मंत्रिमंडल विस्तार
प्रदेश में आज सुबह- सुबह सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार हुआ है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आये ओबीसी समुदाय के बड़े नेता रामनिवास रावत ने मंत्री पद की शपथ ली है. राम निवास रावत श्योपुर ज़िले की विजयपुर विधानसभा से विधायक हैं.

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार का आज सुबह-सुबह दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार किया गया. इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लंबे समय से अटकलों का बाजार गर्म था. जैसा की पहले से तय माना जा रहा था कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस की टिकट पर विजयपुर से विधायक बने रामनिवास रावत को मंत्री बनाया जा सकता है, ठीक वैसा ही हुआ. आज राजभवन में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने रामनिवास रावत को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई.
आपको बता दें रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव के बीच में ही कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था, ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष और मुरैना लोकसभा सीट से प्रत्याशी न बनाना पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह मानी जा रही थी. उनके कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने को लेकर दिग्विजय सिंह ने भी दावा किया था कि वो कहीं नहीं जाने वाले हैं. लेकिन, कुछ ही समय बाद रावत ने सीएम मोहन के सामने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.
कौन हैं रामनिवास रावत
रामनिवास रावत विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक हैं. इसके अलावा दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं, इसके अलावा वह पूर्व वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के के सामने कांग्रेस से ही सांसदी का चुनाव भी लड़ चुके हैं. प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा बनाने वाले रामनिवास ओबीसी नेता के रूप में बड़ा चेहरा हैं और वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनकी नाराजगी का मुख्य कारण कांग्रेस आलाकमान द्वारा अनदेखी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ना बनाया जाना भी माना गया.
मंत्री बनने से रावत को क्या फायदा?
कांग्रेस से 6 बार के विधायक और पूर्व प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत के मंत्री बनने के बाद एक अलग कद के नेता के रूप में उभरेंगे. सूत्र बताते हैं कि सरकार में उनकी भूमिका भी तय हो गई है और वह मोहन मंत्रिमंडल में शामिल होकर अपना कद स्वाभाविक रूप से बड़ा करने वाले हैं.
पहले भी रावत दिग्गी सरकार में मंत्री पद पर रह चुके हैं और वर्ष 2003 से भाजपा की सरकार रहने के बाद से वे विपक्ष में ही बैठे रहे थे. कमलनाथ सरकार आने के बाद भी उन्हें कोई पद नहीं दिया गया. यही कारण है कि उनकी नाराजगी दिनों-दिन बढ़ती गई. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने के बाद उन्हें मोहन सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही रामनिवास रावत विधायक पद से इस्तीफा दे सकते हैं.

Subscribe to my channel



