ग्वालियर लोकसभा में भाजपा के लिए पोहरी कितनी फायदेमंद

देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने के बाद से लगातार भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की आमद तेज हो गई और भाजपा शायद इन्हीं के बलबूते 400 का आंकड़ा पार करने की फिराक में है । मध्यप्रदेश में 29 की 29 लोकसभा सीट जीतने की आकांक्षी भारतीय जनता पार्टी न्यू टोली ज्वाइनिंग प्रोग्राम के तहत लगातार कांग्रेस के तमाम नेताओं को भाजपा की सदस्यता ग्रहण करा रहे हैं फिर चाहे नेता का जनाधार हो या नहीं , 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा का स्कोर 28/29 था और इस बार 29 लोकसभा में कमल खिलाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट पर लंबे समय से भाजपा का कब्जा है , यहां से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया भी सांसद रहे हैं। परिसीमन के बाद गुना शिवपुरी लोकसभा सीट का हिस्सा रही पोहरी विधानसभा सीट ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में शामिल हो गई थी लेकिन पोहरी विधानसभा कभी भी भारतीय जनता पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव की दृष्टि से लाभदायक सिद्ध नहीं हुई फिर भले ही यहां से भाजपा के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर ही क्यों न प्रत्याशी हो जबकि पोहरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधानसभा चुनाव के लगातार 4 चुनाव जीत चुकी है सिर्फ 2018 के चुनाव में जीते काग्रेस उम्मीदवार के 15 महिनेके कार्यकाल को छोड़कर… ।
2024 में क्या होंगे समीकरण ..?
पोहरी विधानसभा क्षेत्र पर एक बार फिर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं कि क्या इस बार पोहरी भाजपा के लिए लाभकारी सिद्ध होगी या फिर हमेशा की तरह ही परिणाम चौंकाने वाले होंगे । सिंधिया परिवार के प्रभाव वाली पोहरी विधानसभा सीट पर ज्यादातर विधायक सिंधिया परिवार की छत्रछाया में ही बने। अबकी बार भारतीय जनता पार्टी ने ग्वालियर लोकसभा सीट से ओबीसी चेहरा भारत सिंह कुशवाह को चुनावी मैदान में उतारा है, कुशवाह पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थक माने जाते हैं। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक रहे भारत सिंह कुशवाह शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे लेकिन 2023 का विधानसभा चुनाव हार गए और हारे हुए घोड़े पर दांव लगाकर भाजपा लोकसभा की वैतरणी पार करना चाहती है। धाकड़ बाहुल्य पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कुशवाह समाज का भी वोट है और कांग्रेस से वर्तमान में पोहरी विधानसभा से कैलाश कुशवाह विधायक है ऐसे में कुशवाह समाज के वोट बैंक का ध्रुवीकरण काग्रेस के लिए निश्चित है । पिछले कई लोकसभा चुनावों का यदि आंकलन किया जाए तो ग्वालियर लोकसभा की पोहरी और डबरा विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए लाभ पहुंचाती रही हैं जबकि चुनाव भाजपा ही जीतती रही है अब देखना होगा कि इस बार के चुनाव में भाजपा को इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों से कितना फायदा होने वाला है।

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