
ग्वालियर : गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के नव नियुक्त अधिष्ठाता डॉ. आर. के. एस. धाकड़ हमेशा ही नवाचार के लिए जाने जाते हैं। अपने संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक कार्यकाल के दौरान जयारोग्य अस्पताल में कई नवाचार किए और आमजन के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया । कोरोना जैसी आपदा में ऑक्सीजन से लेकर कई उपकरण समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से अस्पताल को उपलब्ध कराई । डॉ धाकड़ हाल ही में प्रदेश की सबसे पुरानी मेडिकल कॉलेज,जीआरएमसी ग्वालियर के डीन बनाए गए हैं और उन्होंने पदभार ग्रहण करने के दिन से ही चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए काम शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार अंचल के बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल केआरएच में बच्चों का आईसीयू पहली बार सेंट्रल एसी से सुसज्जित होगा। डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ के प्रयासों से सामाजिक संस्था गुप्त दान स्वरूप पीडियाट्रिक आईसीयू (पीआईसीयू) सेंट्रल एसी युक्त बना रही है, जिसका कार्य भी प्रारंभ हो गया है। 30 बिस्तर के तैयार हो रहे पीआईसीयू हो रहा है।
केआरएच का पीआईसीयू 16 बिस्तर का है जिसके बढ़ाकर एचडीयू को भी शामिल किया है। हर साल गर्मियों में पीआईसीयू के एसी खराब हो जाते थे जिसके चलते बीमार बच्चों को परेशानी होती थी और परिजनों को घर से पंखा तक लाना पड़ता था। इस बात को गंभीरता से लेते हुए डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कहा था कि उनकी एक समाजसेवी संस्था से बात चल रही है, सेंट्रल एसी युक्त पीआईसीयू बनाया जाएगा। डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने बताया कि दानदाता संस्था ने गुप्त दान स्वरूप 30 बिस्तर का पीआईसीयू बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही यहां हर बिस्तर पर ऑक्सीजन का प्वाइंट भी रहेगा, जिससे अगर किसी बच्चे को ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी तो वहीं ऑक्सीजन मिल जाएगी। संभवतः अगस्त माह तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। यह अंचल का पहला सेंट्रल एसी युक्त पीआईसीयू होगा। इसके तैयार र हो जाने से ह हर बार गर्मी में एसी खराब होने से आने वाली परेशानी से बीमार बच्चों को राहत मिलेगी।
एसएनसीयू में फाल्स सीलिंग बदलने का काम शुरू
बीते सप्ताह एसएनसीयू में फाल्स सीलिंग का एक टुकड़ा गिर गया था। हालांकि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ था। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने फाल्स सीलिंग बदलने का काम शुरू कर दिया है। डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने बताया कि एसएनसीयू में फाल्स सीलिंग बदलने का काम शुरू हो गया है। यहां जो एसी खराब होंगे उन्हें ठीक कराया जाएगा और जो एसी ठीक नहीं हो पाएंगे तो उनकी जगह नए एसी लगवाए जाएंगे।

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