नरक निगम के वार्ड 38 में अव्यवस्थाओं का अंबार, पार्षद लापता
सीवर, सड़क और आवारा पशुओं ने किया आम आदमी का जीवन अस्त व्यस्त, जोखिम में जान डाल निकल रहे हैं घर से

ग्वालियर : कहने को ग्वालियर की भागीदारी केंद्र और राज्य सरकारों में भरपूर और भारी भरकम है लेकिन ग्वालियर का विकास मानो कुपोषित हो गया है,आगे बढ़ने की बजाय सालों साल स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ग्वालियर को लेकर मीडिया में नए नए नाम लिखे जाने लगे हैं, सड़कों की बदहाली ऐसी कि समझ नहीं आता कि सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढों में सड़क, इसलिए अखबारों में ग्वालियर को गड्ढालियर लिखा जाने लगा है। सीवर , पानी की समस्या ऐसी मानो हम नगर निगम में नहीं बल्कि नरक निगम में निवास कर रहे हैं जबकि आम आदमी द्वारा पानी, बिजली और स्वच्छता सभी का टैक्स समय पर चुकाया जा रहा है।
वार्ड 38 में अव्यवस्थाओं का अंबार,सुध लेने वाला कोई नहीं
नगर निगम ग्वालियर का वार्ड 38 गोल पहाड़िया तो मानो अव्यवस्थाओं के लिए ही बनाया गया है, जबकि पार्षद से लेकर विधायक , सांसद , मनात्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से ही है बावजूद इसके आम आदमी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। पैर छूकर पार्षद बने नेताजी तो मानो शहर छोड़कर ही चले गए हों उन्हें जनता की चिंता नहीं । लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं , सीवर सड़क पर बह रही है पार्षद फोन पर सिर्फ आश्वस्त करते हैं निराकरण नहीं , सड़कों पर आवारा पशुओं को देखकर लगता है जैसे सरकार ने खुली गौशाला गोल पहाड़िया पर ही खोल दी हो और स्डकों का तो पूछो मत, जबकि कुछ समय पूर्व ही घर के बाहर बैठे बुजुर्ग की मौत सांड के मारने से हो गई थी । नवग्रह कॉलोनी सेक्टर 2 में खिचड़ी में धंस कर नौनिहाल स्कूल जाने को मजबूर है , कई बार गिरते फिसलते बुजुर्ग जीवन के अंतिम समय में अपने शरीर को बचाने का प्रयास करते हैं। लोग घर के बाहर बने तालाबों में खुद के पैसों से मिट्टी ,मुरम और पत्थर डलवा रहे हैं ताकि निकलने में ज्यादा परेशानी नहीं हों लेकिन इतनी परेशानियों की सुध लेने वाले भाजपा पार्षद लापता हैं।

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