पितृ पक्ष के तीसरे दिन श्राद्ध के नियम क्या हैं?

साल 2024 में पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत महत्वपूर्ण समय माना जाता है. इस दौरान पूर्वजों को याद किया जाता है और दानपूर्ण का काम किया जाता है. इस दिन दान करने से बहुत फायदा मिलता है. हर साल भाद्रपद की पुर्णिमा से इसकी शुरुआत होती है और इसका समापन अश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है. 16 दिनों तक पितृ पक्ष में श्राद्ध का काम होता है. इसके हर दिन के हिसाब से अलग-अलग नियम भी बताए गए हैं. इन 16 दिनों तक किसी भी शुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए अथवा किसी भी नई चीज की शुरुआत करने से बचना चाहिए. ऐसे में आइये जानते हैं कि पितृ पक्ष के तीसरे दिन श्राद्ध की विधि क्या है और इस दिन कैसे तर्पण करने से पितृों का आशीर्वाद मिलता है.
तीसरे दिन किन्हें श्राद्ध करना चाहिए
श्राद्ध के तृतीय दिन को तृतीय श्राद्ध या फिर तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन उनके लिए श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन शुक्ल पक्ष या फिर कृष्ण पक्ष की तृतीय तिथि को हुआ हो.
तृतीय दिन के शुभ मुहूर्त कौन से हैं?
पितृ पक्ष के तीसरे दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस दिन के कुल तीन शुभ मुहूर्त हैं. पहला है कुतुप मुहूर्त. दूसरा मुहूर्त है रौहिण मुहूर्त. और तीसरा मुहूर्त है दोपहर का मुहूर्त. तृतीय तिथि के शुभ मुहूर्त की शुरुआत दोपहर को 12 बजकर 39 मिनट से होगी और इसका समापन रात को 9 बजकर 15 मिनट पर होगा. बता रहे हैं कि ये तीन शुभ मुहूर्त कब-कब हैं.
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