विजयपुर उपचुनाव : शिवराज आज साधेंगे धाकड़ों को, तो क्या महाराज हैं नाराज
विजयपुर उपचुनाव से सिंधिया की दूरी ने राजनीतिक गलियारों को किया गरम, गांव गली और चौपालों पर चर्चा

आगामी 13 नवंबर को मध्यप्रदेश की बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान है , दोनों ही दलों ने पूरे लाव लश्कर के साथ नामांकन दाखिल किया तो नामांकन रैली में शक्ति प्रदर्शन करने से भी नहीं चुके । दोनों ही दलों के बड़े बड़े नेता गांव गलियों की खाक छान रहे हैं और जनता से विकास के वादे कर अपने अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी विजयपुर विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी के मंत्री होने के नाते विकास के तमाम सपने दिखा रही है तो कांग्रेस पिछले 30 साल में मौजूद भाजपा प्रत्याशी द्वारा विकास नहीं कराने के साथ साथ जनता के जनमत को ठेंगा दिखा कर दल बदल करने वाले रामनिवास रावत को सबक सिखाने का आव्हान कर रही है।
बात विजयपुर विधानसभा सीट पर एक और चुनावी चर्चा है जिसने गुलाबी सर्दी की आहट में राजनीतिक गलियारे गरम कर दिए है , दअरसल जब सत्ता और संगठन ने अपने प्रत्याशी को जिताने के सारे प्रयास कर लिए और चुनावी वैतरणी जब बीच मँझधार में फंसती दिखाई दे रही है तो सोशल इंजीनियरिंग का सहारा ही एकमात्र तुरुप का इक्का साबित हो सकता है इसके लिए बाकायदा विभिन्न जातियों के नेताओं को विजयपुर में प्रवास कराया जा रहा है। हार जीत का गणित धाकड़, कुशवाह और जाटव वोट बैंक में उलझ गया है, धाकड़ वोट बैंक को साधने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 6 नवंबर को एक जनसभा को संबोधित करने विजयपुर आ रहे हैं और उसके बाद किरार धाकड़ समाज की मीटिंग लेंगे जिसमें समाज की दुहाई के नाम पर भाजपा को वोट करने की अपील भी करेंगे, हालांकि किरार समाज को साधने के लिए मध्यप्रदेश सरकार में राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल क्षेत्र में जनसंपर्क कर चुके हैं ।
सिंधिया आखिरकार हैं कहाँ,ये चर्चा है खास
विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मतदान की तारीख नजदीक है लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल की सत्ता का केंद्र माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी तक उपचुनाव से दूर हैं , वजह जो भी हो लेकिन आमजन के बीच चर्चा का विषय बन गया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत सिंधियनिष्ठ नेता माने जाते रहे हैं बावजूद इसके रामनिवास रावत सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल नहीं हुए उसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान रामनिवास रावत नरेंद्र सिंह तोमर के कहने पर न केवल भाजपा में शामिल हुए बल्कि वादे के मुताबिक सरकार में वन मंत्री का जिम्मा भी मिला । विजयपुर में संगठन के पदाधिकारियों से लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, तमाम मंत्रीगण , सांसद डेरा डाले हुए हैं लेकिन सिंधिया की दूरी बहुत कुछ बयां कर रही है,अब देखना होगा कि क्या सिंधिया शेष दिनों में रामनिवास रावत के पक्ष में जनसभा करेंगे या फिर दूरी दूरी ही बनी रहेगी।

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