कैलारस शुगर मिल में लोग निवेश को तैयार, सरकार कर रही है नीलाम

मुरैना : बरसों से बंद पड़ा कैलारस का शक्कर कारखाना राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक का एक मुद्दा बन गया तो वहीं दूसरी तरफ शक्कर कारखाने के बन्द हो जाने के बाद किसानों की आय कम हो गई तो इस में कार्यरत कर्मचारियों सहित कई किसानों का आज भी शक्कर कारखाने पर उधारी है , जिसे सरकार ने आज तक नहीं चुकाया और इसी उधारी को चुकाने के लिए सरकार इसे नीलाम करने की योजना तैयार कर ली है। हर बार के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल इसे फिर से चालू कराने की घोषणा बड़े जोर शोर से करते हैं । यहां तक कि सत्ता पर आसीन भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसे चालू कराने जनता से वादा करते रहे हैं ,लेकिन उन्होंने अपने 4 बार के कार्यकाल में एक ही बार इस शक्कर मिल को चालू करने की कोई योजना पर काम करने की नहीं सोची बल्कि इसके उलट अब इसे नीलाम करने की योजना तैयार की गई है ।
जानकारी के मुताबिक कर्मचारियों और किसानों की उधारी को चुकाने के लिए सरकार ने यह शक्कर कारखाने को नीलाम करने की योजना बनाई है । खबर लगते ही क्षेत्र के कई व्यवसाई सहित किसान लोग इस कारखाने में निवेश करने को तैयार हैं और सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इस शक्कर मिल को फिर से चालू किया जाए । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब ₹50 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित होने की खबर है ,जिसे लोग किसान उद्योग योजना के नाम पर एकत्रित कर सरकार से पीपीपी मॉडल पर कारखाने को फिर से चालू कराने की मांग कर रहे है । यदि सरकार चाहे तो न केवल यह कारखाना फिर से चालू हो सकता है बल्कि सरकार के एक महत्वकांक्षी सोच कि किसानों की आय दोगुनी करने पर भी अमल हो सकता है । इसके अलावा बेरोजगारी के दौर में क्षेत्र के कई युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे ।

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