बिजली कटौती, सिंचाई के लिए परेशान किसान
◆ भोपाल पहुंचकर सीएम हाउस घेराव करने की चेतावनी दी किसानों ने ◆जब हमारे समाचार संपादक ने गसमानी एई दुबे को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया ।

विजयपुर : गसमानी और सहसराम फीडर से बिजली कटौती के कारण किसान परेशान हो रहे हैं । एई और जेई सब आँख बंद करके बैठे हैं, केवल बिजली बिल वसूली के लिए किसानों को परेशान करना इनकी नौकरी का उद्देश्य रह गया है लेकिन उनकी मनमर्जी की अघोषित बिजली कटौती के कारण किसानों की फसल तबाह हो रही है और तो और सरकार की ओर से किसानों को 10 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने के आदेश को बिजली विभाग के आला अधिकारियों दद्वारा ठेंगा दिखाया जा रहा है ।
बिजली समस्या से किसान परेशान है। बिजली को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में है। जहां बिजली कटौती व बार-बार खराबी आने से लोगों में आक्रोश है। बिजली समस्या का असर खेती किसानी पर भी पड़ रहा है। ग्रामीणों की शिकायत है कि बिजली बंद होने से कृषि पंप व बोर से पानी नही मिल रहा । इससे सिंचाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इस सबके बाद भी अिधकारी मानने को तैयार नहीं कि बिजली की परेशानी है।
क्षेत्र के लिए विडंबना यह है कि पिछड़े इलाकों में बिजली कट, लो वोल्टेज की समस्या जैसे पहले थी, वैसे आज भी है। इसका खामियाजा आम व खास के साथ किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है। जिले में सिंचाई का प्रमुख साधन कुँए और ट्यूबवेल है। कृषि पंप व बोर से आवश्यकता अनुसार सिंचाई कार्य किया जाता है। लेकिन यहां के कई गांव में बिजली कटौती, लाइन फाल्ट आने व लो वोल्टेज की समस्या के कारण कृषि पंपो का नियमित रूप से संचालन नही हो पा रहा है। सभी किसानों ने खेती के लिए कृषि पंप से सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन लिया है। जिसके बिलों का भुगतान भी समय पर किया जा रहा है । क्षेत्र में नहर की व्यवस्था न होने के कारण वहां किसानों को कृषि पंपों के भरोसे रहना पड़ता है। लेकिन बार-बार बिजली गुल होने से पंप या बोर से पानी लेना मुश्किल होता है।
न कोई समय आने का न कोई समय बिजली जाने का
क्षेत्र में आए दिन हो रही बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। पिछले एक माह से तो बिजली का कोई शेड्यूल ही नहीं रह गया है। कब बिजली आएगी या कब चली जाएगी। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों से कई बार शिकायत की है। लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बिजली कटौती के चलते ग्रामीण क्षेत्र में उपकरण शोपीस बनकर रह गए हैं और लोगों में बिजली महकमे के प्रति आक्रोश पनपता जा रहा है। ऐसे में बिजली महकमा भी पूरी मनमानी पर उतर आया है। मनमाने तरीके से बिजली की कटौती की जा रही है। सप्लाई के आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। लिहाजा, खेती के इस मौसम में बिजली न होने से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। बिजली गुल रहने से किसान खेतों में सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं । खेती के अलावा वहीं पेयजलापूर्ति भी प्रभावित है। जिसकी वजह से उन तमाम लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अंचल के सहसराम, गहतौली, कुसमानी, खोरा और खोरी सहित अन्य गांवों में किसानों को 24 घंटे में 4 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है, जबकि सरकार की ओर से किसानों के लिए 10 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने के निर्देश हैं । इस कारण से रबी फसल की बोवनी और बोई गई फ़सल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है-
अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं, 4-4 दिन तक लाइट नहीं आ रही है, सर्दी का मौसम है और जब कभी आती भी है बिजली तो रात के समय देते हैं।ऐसे में किसानों को रात को उठाकर खेत पर जाना पड़ता है । इस बार अतिवृष्टि में बरसात की फसल नष्ट हो गई, फिर खाद के लिए मारामारी की और अब बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं । सरकार की अनदेखी के चलते अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं जबकि बिल समय पर भरे जा रहे हैं । कुछ दिन में निराकरण नहीं हुआ तो सभी किसान इक्कट्ठा होकर सीएम हाउस का भोपाल पहुँचकर घेराव करेंगे ।

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