जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल,JAH में सिस्टम गड़बड़ाया

ग्वालियर : नीट काउंसलिंग नहीं होने से नाराज जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पिछले 10 दिनों से जारी है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से जयारोग्य अस्पताल में इलाज का पूरा सिस्टम गड़बड़ा गया है।ओपीडी से लेकर भर्ती मरीजों पर हड़ताल का असर साफ दिख रहा है। वहीं दूसरी तरफ कुछ प्रायवेट अस्पताल इसी हड़ताल का फायदा उठाने में जुटे हुए है। सूत्रों के मुताबिक हड़ताल के चलते जेएएच की ओपीडी और इमरजेंसी में इन दिनों कुछ दलाल ज्यादा सक्रिय हो गए है। अस्पताल आने वाले भोले-भाले ग्रामीणों, मजबूर मरीज के परिजनों को ये अपना निशाना बना रहे हैं । हड़ताल होने के कारण जयारोग्य अस्पताल में इलाज नहीं होने का डर उनके मन में बैठाकर निजी अस्पताल ले जाते हैं फिर उनका इलाज वही कराया जा रहा है । जूडा की हड़ताल होने और इलाज नहीं मिलने का डर बैठाकर मरीज और उनके परिजनों को अपने झांसे में लेते है और फिर उन्हे निजी अस्पताल में भर्ती करा रहें है।
डराते, बरगलाते हैं और फिर अपने झांसे में लेते हैं
इन दिनों कोई भी मरीज जब जेएएच पहुंचता है तो उस पर सबसे पहली नजर निजी अस्पतालों के एजेंट की पड़ती है।
निजी अस्पतालों के एंबुलेंस जेएएच के बाहर तैनात रहती है। एजेंट किसी मरीज के परिजन के रूप में जेएएच में भटकते रहते हैं। जैसे ही कोई मरीज पहुंचता है, उसे जेएएच में हड़ताल के कारण इलाज व्यवस्था नहीं होने के नाम पर डराया जाता है।
इलाज से लेकर ऑपरेशन तक प्रभावित
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जेएएच में इलाज बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। हांलाकि जेएएच प्रबंधन ने वैकल्पिक इंतजाम के तौर पर सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई है, लेकिन यह इंतजाम नाकाफी साबित हो रहें है। इस कारण ओपीडी में मरीजों को कई घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं ऐसे मरीज जिनकी ऑपरेशन की डेट थी, उनके ऑपरेशन भी फिलहाल टल गए है।

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