सूबे के शिव-राज में सिंधिया की फिर चली

राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि एक बार फिर से निगम मण्डल में नियुक्तियों में सिंधिया की चली है, इमरती देवी डबरा से गिर्राज दंडोतिया दिमनी से मुन्नालाल गोयल ग्वालियर पूर्व से, रघुराज कंसाना मुरैना से, जसवंत जाटव करैरा और रणवीर जाटव गोहद से उपचुनाव हार गए थे । जिसके बाद से इन सभी नेताओं को विधायकी से हाथ धोना पड़ा था, जबकि इमरती देवी और गिर्राज दंडोतिया को मंत्रिपद भी छोड़ना पड़ा था । इन सभी नेताओं ने अपनी विधायकी दांव पर लगाकर कमलनाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था, ऐसे में चुनाव हारने के बाद इन सभी नेताओं को एक बार फिर से पुनर्वास का भरोसा दिया गया था. जो अब पूरा हो गया ।
खास बात यह है कि निगम मंडलों में सिंधिया समर्थकों की एंट्री से सरकार में एक बार फिर ग्वालियर-चंबल अंचल का दबदबा बढ़ गया है, क्योंकि मंत्रिमंडल से लेकर निगम मंडलों में ग्वालियर-चंबल के नेताओं की भरमार है, कई अहम पदों पर इस अंचल के नेता बैठे हैं । सरकार से लेकर संगठन तक ग्वालियर-चंबल का दबदबा साफ देखने को मिल रहा है ।
शिवराज सरकार बनाने में सबसे अहम रोल निभाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक बार फिर खुश किया गया है।. निगम मंडलों में उपचुनाव हारे सिंधिया के सभी समर्थकों को पद देकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्ज दिया गया है । खास बात यह है कि शिवराज के मंत्रिमंडल में पहले से ही सिंधिया समर्थक मंत्रियों के बड़ी संख्या है, जबकि निगम मंडलों में भी उनके 6 समर्थकों को जगह मिली है, यानि चुनाव हारने वाले सिंधिया समर्थक नेताओं को 9 महीने बाद पुनर्वास दे दिया गया है, जिसकी चर्चा लंबे समय से चल रही थी ।

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