बिरथरे और भारती को राज्यमंत्री बनाकर टिकिट की दौड़ से बाहर तो नहीं किया…

राजनीतिक : सत्ता रूढ़ दल अपने उन नेताओं को जो विधानसभा और लोकसभा टिकिट से वंचित रह जाते हैं उन्हें निगम मण्डल, आयोग और विभिन्न प्राधिकरण में एडजस्ट करने की कोशिश करते हैं और एडजस्ट करके उन्हें संतुष्ट करने की भी कोशिश करते हैं । अभी हाल ही में नियुक्त हुए निगम मण्डल और आयोग में पोहरी विधानसभा क्षेत्र से दो पूर्व विधायकों को उपाध्यक्ष ( राज्यमंत्री दर्जा ) बनाया गया है । दो बार के विधायक रहे पोहरी के पूर्व विधायक प्रहलाद भारती को मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया तो वहीं पोहरी पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे जी को मध्य प्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया । राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सिंधियाई नेता सुरेश राठखेड़ा के भाजपा में आ जाने और शिवराज सरकार में मंत्री बन जाने से उक्त दोनों पूर्व विधायकों को एडजस्ट कर राजनीतिक संतुष्टि देने की कोशिश की है ।
राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि 2023 में दोनों पूर्व विधायकों की ओर से टिकिट के लिए दावेदारी की जाती और पार्टी सिटिंग एमएलए पर ही विश्वास करती तो फिर बगावत और भितरघात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता और इन्हीं आशंकाओं के चलते दोनों को राज्यमंत्री बनाकर टिकिट की दौड़ से बाहर किया गया है ,हालांकि यह पार्टी की गाइड लाइन का हिस्सा नहीं है कि कोई आयोग या निगम मण्डल में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे व्यक्ति टिकिट की दावेदारी पेश नहीं कर सकते । नरेंद्र बिरथरे और प्रहलाद भारती भी 2023 में टिकिट न माँगे इस बात अभी इंकार करना जल्दबाजी ही होगी । यदि दोनों को टिकिट के दावेदारों की सूची से बाहर किया गया तो फिर मौजूदा विधायक सुरेश धाकड़ ही पार्टी का चेहरा होंगे हालांकि भाजपा नेत्री डॉ सलोनी सिंह इस बार टिकिट के लिए पुरजोर कोशिश करेंगी । अब ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा कि किसके भाग्य में राजयोग है और किसके में नहीं ।

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