जौरा के सूबेदार को कांग्रेस से कौन देगा चुनौती

मध्यप्रदेश में आम विधानसभा चुनाव होने में अभी वक़्त है लेकिन चुनावी सरगर्मियां अभी से तेज होती जा रही हैं । सूबे की जौरा विधानसभा सीट मुरैना जिले के अंतर्गत आती है,यह एक अकेली विधानसभा सीट है जहां 2013 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी अपना कमल खिलाने में कामयाब हो सकी । हर बार के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बदल – बदल कर देखे लेकिन कमल खिलाने में कामयाब नहीं हो सकी । 2013 में भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा पर विश्वास करके पार्टी ने उन्हें चुनावी समर में उतार दिया तो वे भी पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे और पहली बार जीत हासिल की । उसके बाद 2018 में हुए आम विधानसभा चुनाव में भाजपा के सूबेदार को कांग्रेस के बनवारी लाल शर्मा से हार मिली । करीब 1 साल के बाद बनवारी लाल शर्मा का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया और उनके निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर हुए उपचुनाव में एक बार फिर पार्टी ने अपने सूबेदार पर ही विश्वास किया । 2020 में सूबेदार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी की ओर से जौरा विधानसभा से विधायक बने ।
अभी 2023 के आम विधानसभा चुनाव की है जिसमें अभी से राजनीतिक पंडित गुणा भाग करने लगे हैं कि आखिर कार्य जौरा के सूबेदार को कांग्रेस की ओर से कौन चुनौती देगा । आपको बता दें कि 2018 के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी पंकज उपाध्याय पर विश्वास किया था लेकिन पंकज उपाध्याय सूबेदार को कड़ी चुनौती नहीं दे सके । अब देखना होगा कि 2023 में पार्टी फिर से पंकज उपाध्याय पर ही विश्वास करेगी या फिर कोई नया चेहरा सूबेदार को चुनौती देने के लिए चुनावी मैदान में उतारा जाएगा । कांग्रेस की ओर से दावेदारों की एक लंबी फेरिहस्त है । जिसमें प्रमुख रूप से जिला पंचायत मुरैना के पूर्व अध्यक्ष राकेश यादव का नाम आता है । इसके बाद उपचुनाव के समय से ही भितरवार विधानसभा सीट से विधायक और कमलनाथ सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे एवं युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय सिंह यादव भी जौरा की गलियां छान रहे हैं । वे भी जौरा से विधायकी का सपना देख रहे हैं, लेकिन उनके साथ बाहरी होने का आरोप उनके अपने नेता ही लगाते रहे हैं । संजय सिंह यादव युवा हैं और कांग्रेस के तेजतर्रार सक्रिय नेताओं में शुमार हैं । विपक्ष में रहकर बीते 15 साल से भी अधिक समय से वे भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सड़क पर लड़ाई लड़ रहे हैं , इसके अलावा उनके साथ हमेशा एक काफिले के रूप में युवाओं की एक लंबी फौज चलती है, हालांकि पहाड़ गढ़ से हरि सिंह कुशवाह भी जौरा से टिकट की मांग लंबे समय से कमलनाथ के जरिए कर रहे हैं । अब कांग्रेस के सामने चुनौती है की जौरा के सूबेदार को चुनौती देने के लिए किसे चुने और किसे नहीं ।

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