श्रेय लेने की होड़ या वर्चस्व की लड़ाई या फिर राजनीतिक प्रतिद्वंदता

पोहरी : शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और यदि पिछले 15 महीने छोड़ दिये जायें तो लगातार तीन बार से भारतीय जनता पार्टी का विधायक है । वर्तमान में कांग्रेस से आए सिंधियाई नेता सुरेश राँठखेड़ा विधायक हैं और शिवराज सरकार में लोक निर्माण विभाग में राज्यमंत्री भी है, इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रहलाद भारती लगातार दो बार विधायक रहे लेकिन 2018 के आम विधानसभा चुनाव में वे तत्कालीन कांग्रेस नेता सुरेश राँठखेड़ा से चुनाव हार गए थे । वर्तमान विधायक क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और आए दिन विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण भी कर रहे हैं । बीते कुछ दिनों में दो स्कूल भवनों के लोकार्पण के साथ विभिन्न ग्रामों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत टँकी निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया ।
आज पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राँठखेड़ा ने बैराड़ में संयुक्त तहसील कार्यालय भवन का लोकार्पण किया । उक्त कार्यक्रम के बाद आम जन के बीच एक बात चर्चा का विषय बन गया है कि उक्त भवन के के साथ बैराड़ को तहसील का दर्जा दिलाने के लिए पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने प्रयास किया था और उन्हीं के प्रयासों का प्रतिफल है कि आज बैराड़ न केवल तहसील बन पाया है बल्कि उक्त तहसील भवन भी बनकर खड़ा हुआ है लेकिन आज लोकार्पण समारोह में पूर्व विधायक की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बना हुआ है । क्षेत्र में वर्तमान विधायक और राज्यमंत्री के साथ पूर्व विधायक को कम ही देखा जाता है । लोकार्पण और भूमिपूजन पट्टिकाओं पर क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का नाम जरूर होता है लेकिन किसी कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति अभी तक दर्ज नहीं हुई है कारण जो भी हो ।
राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही तमाम भाजपा के बड़े नेताओं के राजनैतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया था हालांकि डैमेज कंट्रोल के नाम पर सत्ता और सन्गठन ने पूर्व विधायक द्वय प्रहलाद भारती और नरेंद्र बिरथरे को निगम में उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान कर दिया था । विभिन्न कार्यक्रमों में खासकर प्रहलाद भारती की अनुपस्थिति को लेकर चर्चा है कि उनके प्रयासों से बनकर तैयार विकास कार्यों पर राज्यमंत्री राँठखेड़ा श्रेय ले रहे हैं तो वहीं राजनीतिक चश्मे से देखने वाले कह रहे हैं कि ये राजनीतिक प्रतिद्वंदता में वर्चस्व की लड़ाई है । भारतीय जनता पार्टी भले ही सबका साथ – सबका विकास का नारा देती हो लेकिन पोहरी विधानसभा में एकला चलो की राजनीति चल रही है ।

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