जीतने वाले को राज्यमंत्री, हारने वाले को निगम उपाध्यक्ष, औरों को क्या मिला..?

पोहरी ( राजनीतिक संवाददाता ) : सूबे में कांग्रेस सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले सिंधियाई विधायकों ने न केवल कांग्रेस की सरकार गिराई बल्कि प्रदेश में चौथी बार भाजपा का कमल खिलाकर किंग मेकर की भूमिका निभाई थी । उन्होंने भाजपा में शामिल होकर कई भाजपा के नेताओं का राजनीतिक भविष्य चौपट कर दिया है I अगर हम पोहरी विधानसभा की बात करें तो यहाँ के दो बार के विधायक रहे एक पूर्व विधायक और और एक अन्य पूर्व विधायक पंडित जी के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह तो लगाया ही है, वहीं जनसेवा से राजनेता बनने की बिसात बिछाने वाली नेत्री के राजनीतिक भविष्य भी पानी फेर दिया, क्योंकि अघोषित रूप से सिंधियाई नेता वर्तमान विधायक और राज्यमंत्री ही आगामी 2023 के आम विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी होंगे । दोनों पूर्व विधायकों को सरकार ने मान मनोव्वल देकर निगम में उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया । चर्चा है कि जीतने वाले को राज्यमंत्री, हारने वाले को निगम उपाध्यक्ष, औरों को क्या मिला..? लोगों का इशारा सीधे तौर पर समाजसेवा से राजनीति में आने वाली नेत्री के साथ साथ पार्टी के उन लोगों की ओर हैं जो विधानसभा टिकिट के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं और टिकिट न मिलने के बावजूद न तो बगावत की और न ही भितरघात , बल्कि पार्टी का झंडा लेकर जनता के बीच अपने ही प्रतिद्वंद्वी ( टिकिट की दौड़ में ) के लिए पसीना बहाकर जीत के कमल को खिलाने के लिए सींचा । अब यही बात जनता के मन में सवाल बनकर चर्चा का बिषय बन गई है कि क्या ये पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाएंगे या आगामी चुनाव से किनारा कर लेंगे या फिर भाजपा को भितरघात और बगावत का सामना करना पड़ेगा I कहने वाले तो ये भी कहते हैं कि 2023 में पार्टी के समीकरण जो भी हों लेकिन एक पूर्व विधायक और एक नेत्री तो चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं ऐसे में सत्ता में बैठे मंत्री की 2023 की राह मुश्किल हो सकती है, अब ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा कि ये प्रेशर पॉलिटिक्स है या फिर सच्चाई और सच्चाई ही है तो क्या भाजपा का प्रदेश शीर्ष डैमेज कंट्रोल कर पाएगा ।

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