फाँसी चढ़ाने की धमकी के बाद भी बढ़ रहे ग्वालियर में कोरोना केस

ग्वालियर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है । बढ़ती मरीजों की संख्या के लिए किसे जिम्मेदार माना जाए ,आम नागरिक , राजनेता या फिर प्रशासन । कहने को तो सरकार हर रोज स्वास्थ्य अमले के साथ वीडियोकांफ्रेसिंग के साथ दिशा निर्देश दे रहे हैं लेकिन उनका पालन कौन कर रहा है । इसका शायद ना तो सरकार को पता और न प्रशासन को । राजनेता दिन प्रतिदिन नए नए कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और सैकड़ों की संख्या में भीड़ भी इकट्ठा कर रहे हैं , जो सीधे तौर पर कोरोनावायरस गाइड लाइन का उल्लंघन है । इसके अलावा कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं । कोरोनावायरस गाइड लाइन का उल्लंघन करने पर कार्यवाही केवल आम नागरिक पर शहर के चौराहों पर खड़ी पुलिस चालान काट कर अपनी और प्रशासन की जेब भरकर कर रही है । जिस प्रकार से जिला कलेक्टर ग्वालियर ने वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के लिए धमकी भरे लहजे में जिम्मेदारों को फांसी चढ़ाने की धमकी दी थी उसी प्रकार से कलेक्टर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन को सख्त लहजे में दिशा निर्देश दे देते और इसके साथ ही राजनेताओं पर कार्यवाही करते जो कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं ,तो शायद इतनी संख्या में मरीज न बढ़ते ।
क्या था मामला
आपको बता दें कि ग्वालियर कलेक्टर कोरोना वैक्सीनेशन पूरा न होने पर गरमा गए । कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अधिकारियों को फांसी पर लटकाने की धमकी दे डाली । कलेक्टर ने कहा कि ‘मुझे कोई मतलब नहीं है, अगर एक दिन भी वैक्सीनेशन में देरी हुई तो मैं फांसी पर टांग दूंगा । मुझे कोई मतलब नहीं । एक भी टीका छूटा, घर में लगाओ…खेत में लगाओ, आदमी के पैर में लोटे रहो….24 घंटे उसके घर में बैठे रहो ।
दरअसल, कलेक्टर बीते दिनों तहसील भितरवार के स्वास्थ्य केंद्र पर अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से टीकाकरण की जानकारी ली । जब उन्हें पता चला कि तहसील में बीते चार दिन से टीकाकरण शिविर का आयोजन नहीं किया, तो वह आग बबूला हो उठे । मौके पर मौजूद अधिकारियों से टीकाकरण शिविर न लगने का कारण पूछा । अधिकारियों के जवाब पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने धमकी दे डाली । इस दौरान वह लगातार अधिकारियों से पूछ रहे थे कि वैक्सीनेशन पूरा क्यों नहीं हो हो रहा है । कलेक्टर के साथ जिला पंचायत सीईओ आईएएस आशीष तिवारी भी मौजूद थे । इस मामले में जब कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह चौहान से मीडिया ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि वीडियो सही है, जब लोग काम नहीं करते है तो ऐसा बोलना पड़ता है ।

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