राजनीति में कई लोग के शिव के भक्त हैं तो शिव किसके…

वर्तमान राजनीति में भक्ति और चाटूकारिता चरम पर है, भक्ति ऐसी कि उनके नमो इतिहास को बदल दें और भूगोल को गोल कर दें लेकिन भक्त तो हर – हर और नमो का जप करते हैं । चाटुकारिता ने स्वयं की शक्ति से कभी परिचित नहीं होने दिया,कई ऊर्जावान व्यक्तित्व की हालत कुर्सी से बँधे घोड़े सी है जो सिर्फ रस्सी को देख खुद को बंधा हुआ समझ अपनी शक्ति भूल बैठा है । अपने कण – कण में ईश्वर का वास सुना होगा और माना होगा , लेकिन अब राजनेताओं को अपने आकाओं में भी भगवान नजर आने लगे हैं। भक्तिमय शिव ने एक बार मोदी को राम तो अमित शाह को हनुमान बताकर अपनी भक्तिभावना जगजाहिर कर दी थी । सूबे में कई लोग शिव के भक्त हैं, कैलाश पर्वत वाले शिव नहीं श्यामला हिल्स वाले शिव के लेकिन अपने “शिव” भी किसी के भक्त हैं । चर्चा है कि “शिव” को कभी भाजपा के लाल “कृष्ण” की कृपा प्राप्त थी शिव पहले इन्हीं के गुणगान करते थे । लेकिन अब वक्त के साथ उन्होंने महिमा को पहचान लिया और नमो नमो का जाप कर रहे हैं । जब भी मन बैचेन होता है तो वे दिल्ली दरबार में जाकर साक्षात दर्शन कर आते हैं। शिव की भक्ति और श्रद्धा को देखकर कांग्रेस नेता जीतू भाई बड़े बैचेन हैं। बैचेनी का आलम है कि उन्होंने शिव की भक्ति को चापलूसी तक करार तक दे दिया। शिव की पार्टी में उनकी टांग खींचने वालों की कमी नहीं है, इसके बावजूद लगातार सत्ता शीर्ष पर बने हुए हैं। ये सब भक्ति का ही कमाल है, जो समय के साथ बदलती रहती है।

Subscribe to my channel



