जौरा ने भाजपा को वो दिया जो उसे कभी न मिला और भाजपा ने जौरा को….

मुरैना : सूबे की जौरा एक अकेली विधानसभा सीट थी जिस पर आजाद भारत में पहली बार भारतीय जनता पार्टी 2013 में कमल खिलाने में कामयाब हो पाई, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने तरह तरह के प्रयोग कर प्रत्याशी बदलकर देखे लेकिन हर बार मिली तो केवल हार.. … 2018 में एक बार फिर भाजपा को उम्मीद थी कि अब फिर से कमल खिलेगा लेकिन जौरा की जनता ने हाथ का साथ देकर कमल नहीं कमलनाथ की सरकार बनाने में सहयोग किया । नियति ने असमय विधायक को छीन लिया और निधन के बाद उपचुनाव में जौरा की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले कैलारस शक्कर कारखाने को फिर से चालू करने के भाजपा के वादे पर भरोसा कर कमल की बटन दवाई तो एक बार फिर भाजपा कमल खिलाने में कामयाब हो सकी , सूबे में लगातार 15 साल भाजपा की सरकार रही और 15 महीने के अंतराल के बाद चौथी बार शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने हैं । हर बार ही शिवराज सिंह ने जौरा विधानसभा क्षेत्र की जीवन रेखा सहसराम-पहाड़गढ़ रोड़ को बनाने और कैलारस शक्कर मिल को चालू कराने की कसम खाकर मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की शपथ दिलाई थी और जनता ने अपनी शपथ पूरी की ।
जौरा की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को वो सबकुछ दिया जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में 2013 से पहले उसे कभी नहीं मिला था लेकिन वदले में भाजपा ने जौरा की भोली भाली जनता को बदहाल सड़क दी जिस पर आदमी चले तो उसकी कमर में दर्द होना तय है । शक्कर कारखाने को चालू करने के नाम पर उसे नीलम करने की तैयारी । ये पब्लिक है सब जानती है, 2023 अभी दूर नहीं है शक्कर मिल को बेचकर आप क्षेत्र के युवाओं से उनके हक छीन रहे हैं और किसानों लाचार बना रहे हो, सड़क का एक एक गड्डा में आपका एक एक मत समा जाएगा और आपका कमल खिलेगा या मुरझाएगा ये तो आने वाला ही वक़्त बताएगा ।

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