GRMC : डॉक्टरों सहित प्रवेश लेने वाले छात्रों का मोह भंग….

ग्वालियर : मेडिकल फील्ड में जाने की इच्छा रखने वाले हर एक विद्यार्थी एक सपना होता था कि वह एमबीबीएस या पीजी की पढ़ाई करें तो उसे ग्वालियर का गजरा राजा मेडिकल कॉलेज प्राप्त हो जाए । प्रदेश के सबसे पहले मेडिकल कॉलेज की छवि नामी कॉलेजों की गिनती में हुआ करती थी, लेकिन बीते कुछ सालों में लगातार मेडिकल कॉलेज की छवि धूमिल हो रही है । इसका कारण राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण कॉलेज के डीन सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति है । मौजूदा डीन लगातार गड़बड़ियों को लेकर सुर्खियों में है बावजूद इसके राजनीतिक संरक्षण के कारण कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है । अभी हाल ही में एक नजर डालें तो एक तरफ काउंसलिंग में छात्रों का रुझान गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में कम ही देखा जा रहा है । बीते दिनों एक अखबार ने साफ तौर पर लिखा था कि 5 दिन में केवल 5 छात्रों ने ही जीआरएमसी में प्रवेश लिया है यह साफ तौर पर कॉलेज की छवि को प्रदर्शित करता है कि अब नवागत छात्राओं का इस कॉलेज की तरफ कोई रुझान नहीं है दूसरा मामला जीआर मेडिकल कॉलेज की स्थापना शाखा के नोडल अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पद से दिए त्याग पत्र में लिखा है कि मेरे सर्वोच्च प्रयासों के बावजूद मुझे कुछ संकायों से उनके पक्ष में गैरकानूनी काम कराने के लिए धमकियां मिल रही है। उससे मैं काफी मानसिक दबाव में हूँ और अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूं । उन्होंने कहा कि मुझे किसी भी प्रकार का कोई लालच नहीं है इसीलिए मैं दबाव में काम क्यों करूं । गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना शाखा राजपत्रित के नोडल अधिकारी डॉ केपी रंजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया , इस्तीफा गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ समीर गुप्ता को दे दिया लेकिन उसकी संभागायुक्त आशीष सक्सेना और जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ को भी भेजी है ।

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