सजायाफ्ता नेता और बीमारी, जेल से बचना है तो बीमार रहिए

अपराधियों और बीमारी का एक गहरा रिश्ता है । हाई प्रोफाइल व्यक्तियों के लिए बीमार होना लाभकारी होता है जबकि आम आदमी के लिए बीमार हो जाना नुकसानदायक साबित हो जाता है । सब चीज के अपने-अपने फायदे तो नुकसान भी हैं, लेकिन वीआईपी लोगों के लिए बीमार हो जाना भी लाभदायक होता है । बीमारी और सजायाफ्ता नेताओं का गहरा संबंध है । जब भी किसी बड़े वीआईपी को कोर्ट द्वारा सजा सुनाई जाती है तो वह तुरंत बीमार हो जाता है और बीमार होकर जेल न जाते हुए अस्पताल पहुंचकर वीआईपी व्यवस्थाओं का सुख भोगता है ।
दरअसल अभी हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला में दोषी करार दिया गया था और उन्हें सजा भी सुनाई गई लेकिन उनके वकीलों द्वारा उनके इलाज के पर्चे दिखाकर जेल जाने से बचा लिया और जेल की जगह अस्पताल में भर्ती कराया गया ,ऐसा पहली बार नहीं हुआ है । इससे पहले भी चाहे वह राजनेता हो या कोई बड़ा अधिकारी जब कभी उन पर आरोप सिद्ध हुआ और जेल जाने की बारी आई तो उनके वकीलों द्वारा उन्हें बीमार बताकर जेल की जगह अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है और उन्हें भोग विलास की सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाते हैं यानी कानून सिर्फ आम आदमी और गरीब लोगों के लिए है जिन्हें किसी भी हालत में दोषी करार होने पर जेल भेज दिया जाता है, लेकिन यदि वही सजायाफ्ता कोई वीआईपी व्यक्ति हो तो उसे बीमारी का बहाना देकर जेल से बचाया जा सकता है । आजकल इस बात पर खूब चटखारे लगाए जा रहे हैं कि यदि अपराध करने के बाद जेल से बचना है तो बीमार रहिए ।

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