“अग्निपथ योजना” के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम दिए ज्ञापन।

मुरैना – 500 से ज्यादा किसान संगठनों के प्रतिनिधि संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आव्हान पर अग्निपथ योजना के विरोध में विभिन्न तहसील मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए गए। जैसा की सर्वविदित ही है कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा सैन्यबल में 4 वर्ष के लिए 17 बर्ष से 21 वर्ष तक आयु के युवाओं को अग्नीपथ योजना के रूप में नौकरी देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय पूरी तरह आत्मघाती है तथा युवाओं के साथ क्रूर मजाक है। 4 वर्ष के लिए नौकरी में रखने से बेरोजगारी की समस्या का कोई निदान नहीं होगा। एक ओर सरकार ने प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी देने का वायदा किया था। दूसरी ओर वादे से मुकर रही है। 1,40 (एक लाख चालीस हजार ) पदों की भर्ती स्थाई रूप से करने से बचते हुए महज कुछ हजार युवाओं को 4 वर्ष के लिए नौकरी देने की घोषणा केन्द्र सरकार ने की है। जिसमें छै: माह ट्रेनिंग में चले जाएंगे। महज साढ़े 3 वर्ष तक सेवा का अवसर मिलेगा। ओर 21 साल की उम्र में रिटायरमेंट के बाद घर पर आ जाएंगे। यहां तक कि उन्हें पूर्व सैनिक भी नहीं माना जाएगा। यह देश की सुरक्षा के लिए भी घातक है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि फौज में ज्यादातर किसानों की बेटे हैं। इस तरह का ठेकेदारी करण करके सैन्य बलों को बर्बाद किया जा रहा है। सरकार इस निर्णय को तत्काल वापस ले और पूर्व की तरह नियमित भर्तियां की जाए रिक्त पड़े सभी पदों को तत्काल भरा जाए। इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी विरोध कार्रवाई का आह्वान किया। इसी कड़ी में मुरैना, जोरा, कैलारस, सबलगढ़ में राष्ट्रपति के नाम स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए। इसका नेतृत्व किसान नेता प्रदेश किसान सभा के उपाध्यक्ष अशोक तिवारी, मुरारी लाल धाकड़, जे के पिप्पल, श्री कृष्ण यादव, महेश प्रजापति, राजीव गुप्ता आदि ने किया।

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