
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान हो चुका है और करीब ढाई हजार से अधिक प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद है अपने भाग्य की सुरक्षा के लिए प्रत्याशियों के प्रतिनिधि 24 घंटे स्ट्रांग रूम के बाहर पहरा दे रहे हैं यह भाग्य उनका 3 दिसंबर को खुलेगा । 3 दिसंबर को किसकी सितारे चमकेंगे और किसके चेहरे पर मायूसी देखी जाएगी यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन सभी राजनीतिक दल अपने अपने दावे कर रहे हैं मुख्य राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही अपनी सरकार बनाने का दवा कर रहे हैं और आश्वस्त भी हैं । मध्यप्रदेश में जैसे -जैसे मतगणना की तारीख 3 दिसंबर नजदीक आ रही है, वैसे -वैसे भाजपा और कांग्रेस में नेताओं की धडकन बढती जा रही है। धडकन इस बात की कि किसकी सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री का सेहरा किसके सिर बंधेगा। भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में इस बार अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया उन्होंने पूरा चुनाव लाडली बहन योजना और एमपी के मन में मोदी को सामने कर लड़ा है ऐसे में राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिरकार भाजपा की ओर से यदि सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा, भाजपा में तो मुख्यमंत्री का नाम तय ही नहीं है। स्वयं भाजपा के नीति निर्धारक केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नडडा सहित दिग्गज नेता भी कह चुके हैं कि मध्यप्रदेश में हमने मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं किया है। इसी कारण यह तय है कि अब शिवराज सिंह चौहान लगातार पांचवी बार मुख्यमंत्री नहीं होंगे, उन्हें पार्टी केन्द्र में ले जाकर केन्द्रीय मंत्री बना सकती है, या पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बना सकती है। वहीं भाजपा में मुख्यमंत्री के नामों में पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, से लेकर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया , प्रहलाद पटेल से लेकर मप्र मंत्री मंडल के वरिष्ठ सदस्य भूपेन्द्र सिंह, कमल पटेल के नाम सामने आ सकते हैं। कुल मिलाकर भाजपा में अब मुख्यमंत्री पद की गेंद आलाकमान के पाले में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह जिसे चाहेंगे, वह नया चेहरा ही क्यों न हो। वह ही सीएम पद पर आसीन हो सकता है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी की ओर से अभी तक मुख्यमंत्री का चेहरा सामने नहीं आया है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी के कमलनाथ के नाम पर अपनी मोहर लगा दी है भाजपा भले ही अपने मुख्यमंत्री का चेहरा छुपा कर रखी हो लेकिन कांग्रेस में आलाकमान व संगठन से पहले से ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम तय है। कांग्रेस की सरकार यदि बनती है तो ताजपोशी सिर्फ और सिर्फ कमलनाथ की ही होगी। कांग्रेस के सूत्र का कहना है कि चुनाव केवल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में ही लडा गया है और जनता ने कमलनाथ को ही सर्वाधिक पसंद किया है इसीलिये कमलनाथ का पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री बनना तय है।

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