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आलेखसंपादकीय

रविवार विशेष : वीर के तीर… प्रधान संपादक की कलम से

इंजी. वीरबल सिंह

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मध्य प्रदेश में लागू होगा डिप्टी सीएम का फार्मूला ..?

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान भी हो चुका है और परिणाम भी आ गए हैं । भारतीय जनता पार्टी को न केवल अप्रत्याशित जीत हासिल हुई है बल्कि राजनीतिक इतिहास में पहली बार इतना वोट प्रतिशत भी मिला है । पहली दफा है जब भाजपा की ओर से सीएम फेस साफ नहीं किया गया , लंबी पारी खेलने वाले शिवराज सिंह के नाम पर नहीं बल्कि एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी पर चुनाव तो लड़ा लेकिन भाजपा को जीत दिलाने में शिवराज की लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर साबित हुई। परिणाम आए हुए एक हफ्ता से अधिक समय हो गया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी अभी तक सूबे का मुखिया तय नहीं कर पाई है । इस सूबे में मुखिया जो भी हो लेकिन इस बार डिप्टी सीएम का फार्मूला जरूर मध्य प्रदेश में लागू हो सकता है । किसी नए चेहरे को मौका मिलेगा या फिर एक बार फिर से शिवराज पर ही भरोसा किया जाएगा क्योंकि मोदी के मन में एमपी एमपी के मन में मोदी हो या ना हो लेकिन प्रदेश की जनता के मन में शिवराज है , और अभी हाल ही में निकट समय में लोकसभा के चुनाव भी होने हैं ऐसे में शिवराज को बदलकर किसी नए चेहरे को मौका दिया जाता है तो यह भी तय माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में नुकसान होगा इसीलिए नुकसान से आसंकेत भाजपा प्रदेश में डिप्टी सीएम का फार्मूला लागू कर अपने नेताओं को साधने का काम कर सकती है ।

वचन के पक्के निकले फूल सिंह बरैया

कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया अक्सर अपने बयानों के लिए चर्चा में बने रहते हैं अभी हाल ही में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं । इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला है तो कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है लेकिन इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फूल सिंह बरैया अपनी सीट बचाने में कामयाब हो गए । परिणाम आने के बाद उनकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी लोग फूल सिंह बरैया को फोन कर उनका किया हुआ वादा याद दिला रही थी, लेकिन फूल सिंह बरैया भी अपने वचन के पक्के निकले और उन्होंने अपना वादा भी निभाया । जानकारी के अनुसार चुनाव से पूर्व फूल सिंह बरैया ने कहा था कि यदि भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में 50 या उससे अधिक सीटें जीत कर आती है तो मैं राजभवन के सामने अपना मुंह काला कर लूंगा लेकिन जब परिणाम आए तो भारतीय जनता पार्टी 163 सिम जीतकर सरकार बनाने के लिए बहुमत में आ गई इसीलिए उनकी पुरानी वीडियो को खोज कर विरोधियों ने खूब उनको ट्रोल किया लेकिन फूल सिंह बरैया भी वचन के पक्के निकले और उन्होंने 7 दिसंबर को दोपहर 2:00 बजे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अनुयाई में राज भवन के सामने अपना मुंह काला कर लिया।

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तो क्या फूल सिंह, रामनिवास या राहुल होंगे नेता प्रतिपक्ष..?

विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा सरकार में आ गई और कांग्रेस विपक्ष में अब चुनाव आने के बाद भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा चुन्नी में माता बच्ची में लगी है तो अब कांग्रेस के सामने नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने में भी रस्साकस्सी करनी पड़ेगी, इस चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गजों को हर का सामना करना पड़ा है नहीं वर्तमान नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह अपने गढ़ को नहीं बचा पाए तो युवा नेता जीतू पटवारी की भी करारी हार हुई है । अब राजनीतिक गलियारों में प्रयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में फूल सिंह बरैया या रामनिवास रावत या फिर अजय सिंह राहुल भैया में से किसी एक को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व दिया जाएगा ।

तो क्या दादा को हराया गया है..?

विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी की आंधी ऐसी चली के कांग्रेस के कई दिग्गजों के किले ढह गए इसमें डॉक्टर गोविंद सिंह , केपी सिंह और लाखन सिंह यादव, जीतू पटवारी जैसे कई नाम शामिल है, इतना ही नहीं कि आंधी में केवल कांग्रेस के दिग्गजों के किले ही ढह रहे बल्कि भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा 12 मंत्री भी चुनाव हार गए । ग्वालियर चंबल अंचल के कद्दावर नेता और निवर्तमान सरकार के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के दावेदारों में शामिल दतिया से विधायक डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा भी अपने प्रतिद्वंद्वी से चुनाव हार गए । डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा लगातार तीन बार के विधायक थे और भी राजेंद्र भारती से अपना चुनाव हार गए । चुनावी गलियारों के बीच चर्चा है कि नरोत्तम मिश्रा चुनाव हारे नहीं बल्कि उनके अपने ही लोगों ने चुनाव करवाया है हालांकि नरोत्तम मिश्रा को विधानसभा चुनाव में करीब 81 हजार वोट मिले लेकिन बावजूद देश के वह भी चुनाव हार गए । चुनाव हारने के बाद नरोत्तम मिश्रा ने शायराना अंदाज में कई बार अपने समर थकान को संबोधित भी किया कि मेरा पानी उतरता देख किनारे पर घर मत बना लेना … मैं फिर लौट कर आऊंगा ।

Chief Editor JKA

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